नानी द्वारा शुरू मुकदमा का नाती ने किया अंत
दरभंगा। 61साल तक चला मुकदमा का अंत : तारीख पर तारीख फिल्मों में ही नहीं हकीकत में भी देखने को मिलता है। अदालती लड़ाई में अगर पक्षकार सब कुछ छोड़कर सिर्फ मुकदमा जितने को ही ठान लें तो भी मुकदमा का अंत नहीं होता है। मुकदमा लड़ते-लड़ते पक्षकारों की दो पीढ़ियां गुजर गई।
तीन पीढ़ियों तक चले मुकदमों में हजारों तारीख, सैकड़ों से ज्यादा गवाही होने के बाद सोमवार वार 28 फरवरी 2022 को व्यवहार न्यायालय, दरभंगा के अवर न्यायाधीश अष्टम मो.फिरोज अकरम की तत्परता से अदालत में बंटवारा मुकदमा संख्या 126/1961का अंतिम फैसला पक्षकारों के संधि पत्र के आधार पर 61 वर्षों के पश्चात निपटारा हो गया।
इस बंटवारे मुकदमें में विभिन्न मौजा के सैकड़ों बीघा खेत,आम बगीचा इत्यादि शामिल था। अदालत ने वर्ष 31मार्च,1990 में प्रारंभिक डिक्री जारी कर बंटवारे को हरी झंडी दे दी थी। पुनः 2009 में पटृटीबंदी मुकदमा 2/2009 दर्ज किया गया था। अदालत ने अंतिम निर्णय में कहा कि पक्षकारों ने अपने-अपने मिलें हिस्सों पर काबिज हो चुका है।
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अब अलग से किसी पक्षकारों को पटृटी बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है।मालूम हो कि इस मामले के मूल वादिनी मसोमात गोदावरी चौधराईन और उनकी चार पुत्रियां हीरा देवी, मोती देवी, फूल देवी और रबड़ देवी अब इस दुनिया में नहीं है।अदालत में गोदावरी चौधराईन के बड़ी पुत्री के सत्तर वर्षीय पुत्र अरविंद कुमार झा जो कि मुजफ्फरपुर जिले के ढोली संकरा थाना अन्तर्गत तितरा ग्राम से मुकदमा लड़ने के लिए प्रत्येक तारीख पर आते थे।
जबकि अदालत से महज दस किलोमीटर स्थित विशनपुर थाना अन्तर्गत पंचोंभ गांव से मूल प्रतिवादी चन्द्रनारायण चौधरी उर्फ मंगनूबाबू के पौत्र राजीव कुमार चौधरी एवं अन्य सभी लम्बे अरसे से अदालत के निर्णय के लिए टकटकी लगाए हुए थे।
प्रतिवादीगण के वरिष्ठ अधिवक्ता कैलाशचन्द्र लाभ ने बताया कि 61 वर्षों से चल रहे मुकदमा चोकाने वाला इसलिए है क्योंकि इस मुकदमें के दोनों पक्षकारों अब इस दुनिया में नहीं है। वर्षों पहले उनकी मौत हो चुकी है।
प्रतिस्थापित वादीगण और प्रतिवादीगण (वारिसों) के तीसरी पीढ़ी ने पारिवारिक वैमनस्यता को मिटाते हुए संधि पत्र के आधार पर मुकदमा का निपटारा किया। मुकदमा लड़ते लड़ते पक्षकारों की चेहरा फीकी पड़ जाती है।वादीगण के ओर से अधिवक्ता कौशल कुमार, प्रतिवादी के ओर से माधव लाभ सहित अनेकों अधिवक्ताओं इस मुकदमा में कार्यरत थे।
आपको बता दें इस मुकदमा में दरभंगा बार एसोसिएशन के दर्जनों से अधिक अधिवक्ता पूर्व में कार्य कर चुके हैं।
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