Ahmedabad Serial Blast : 49 में से 38 दोषियों को फांसी, 11 को आजीवन कारावास की सजा, 70 मिनट में 21 धमाके किए थे।
Ahmedabad Serial Blast: 49 में से 38 दोषियों को फांसी, 11 को आजीवन कारावास की सजा, 70 मिनट में 21 धमाके किए थे।
Ahmedabad Serial Blast Verdict: अहमदाबाद में जुलाई 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के 49 दोषियों में से 38 को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपियों को 8 फरवरी को दोषी करार दिया था.
Darbhanga News | Darbhanga News Today | Darbhanga News in Hindi
Ahmedabad Serial Blast Verdict: अहमदाबाद में जुलाई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में स्पेशल कोर्ट ने दोषियों की सजा का ऐलान कर दिया. कोर्ट ने 49में से 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि 11 दोषियों को आखिरी सांस तक कैद में रहने की सजा सुनाई गई है. इतिहास में ये पहली बार है जब एक साथ इतने सारे दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है. दोषियों की वर्चुअली पेशी हुई थी और जब कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई तब दोषी अलग-अलग जेल में बैठे हुए थे.
दोषियों को सजा सुनाने के अलावा कोर्ट ने पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश भी दिया है. कोर्ट ने इन धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों को 1 लाख रुपये का आदेश दिया है. साथ ही गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 50 हजार और मामूली घायलों को 25 हजार रुपये देने को कहा है.
13 साल तक चली थी सुनवाई
8 फरवरी को स्पेशल कोर्ट ने इन सभी को दोषी करार दिया था. जबकि 28 आरोपियों को बरी कर दिया था. इस मामले में स्पेशल कोर्ट में 13 साल से सुनवाई चल रही थी.
अहमदाबा सीरियल ब्लास्ट में 78 आरोपी थे. एक आरोपी बाद में सरकारी गवाह बन गया था. इस कारण कुल 77 आरोपी बन गए थे. 13 साल तक चली सुनवाई के दौरान 1,163 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे. पुलिस और कानूनी एजेंसियों ने 6 हजार से ज्यादा सबूत पेश किए थे.
अहमदाबाद की स्पेशल कोर्ट के जज अंबालाल पटेल ने 6,752 पन्नों के फैसले में 49 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जबकि 28 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. ये पहली बार है जब एक साथ 49 आरोपियों को आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहराया गया है. दोषियों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और UAPA के तहत दोषी करार दिया गय…
70 मिनट में हुए थे 21 धमाके
26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में शाम 6 बजकर 45 मिनट पर पहला बम धमाका हुआ था. ये धमाका मणिनगर में हुआ था. मणिनगर उस समय के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का विधानसक्षा क्षेत्र था. इसके बाद 70 मिनट तक 20 और बम धमाके हुए थे. इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. ये बम धमाके इंडियन मुजाहिदीन ने 2002 में गोधरा कांड का बदला लेने के लिए किए थे.
आतंकियों ने टिफिन में बम रखकर उसे साइकिल पर रख दिया था. भीड़ भाड़ और बाजार वाली जगहों पर ये धमाके हुए थे. इन धमाकों में इंडियन मुजाहिदीन (IM) और स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से जुड़े आतंकी शामिल थे. धमाकों से 5 मिनट पहले आतंकियों ने न्यूज एजेंसियों को एक मेल भी किया था
जिसमें लिखा था, ‘जो चाहो कर लो. रोक सकते हो तो रोक लो.’
नंबर्स में समझें पूरा मामला
- 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में 70 मिनट में 21 बम धमाके हुए.
- धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई, 200 से ज्यादा घायल हुए.
- इस मामले में अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 FIR दर्ज हुई.
- दिसंबर 2009 से सुनवाई शुरू हुई. कोर्ट ने सभी 35 FIR को एक कर दिया.
- 1,163 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. 6 हजार से ज्यादा सबूत पेश हुए.
- कुल 78 आरोपी थे. एक सरकारी गवाह बन गया बाद में 77 आरोपियों पर केस चला.
- 8 फरवरी 2022 को 49 आरोपी दोषी करार. 28 आरोपी बरी हुए.
- स्पेशल कोर्ट के जज अंबालाल पटेल ने 6,752 पन्नों का फैसला सुनाया.
- 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा और 11 को आजीवन कारावास कैद.
SOURCE : AAJTAK.IN
For More Updates Visit Our Facebook Page
Also Visit Our Telegram Channel | Follow us on Instagram | Also Visit Our YouTube Channel