EZC Meeting: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की आज पटना में बैठक, अमित शाह और CM नीतीश होंगे आमने-सामने, क्या होगा खास?
Eastern Zonal Council Meeting in Patna: पटना में यह बैठक 5वीं बार हो रही है. इस बैठक में बंगाल, ओडिशा और झारखंड के सीएम शामिल नहीं हो रहे हैं.
पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) आज रविवार (10 दिसंबर) को बिहार आ रहे हैं. राजधानी पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (Eastern Regional Council Meeting) की बैठक होनी है. बैठक की अध्यक्षता अमित शाह करेंगे. आज होने वाली इस बैठक में उनके साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) भी होंगे. सीएम नीतीश कुमार इस बैठक के उपाध्यक्ष हैं. आज दोनों नेताओं का आमना-सामना होगा.
इस बैठक से पहले ही कई मुद्दे उठ रहे हैं. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसकी मांग हो रही है. साथ ही हालांकि आरजेडी विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने पहले ही कह दिया है कि उन्हें इस बैठक से खास उम्मीद नहीं दिख रही है. शनिवार (09 दिसंबर) को एबीपी न्यूज़ से बातचीत में सुधाकर सिंह ने कहा था कि 10 साल नरेंद्र मोदी की सरकार में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई लेकिन बिहार के लिए अभी तक कुछ नहीं किया गया है.
वहीं दूसरी ओर इस बैठक में विशेष राज्य के दर्जे के अलावा खेती-किसानी में सुधार, पड़ोसी देशों के साथ जुड़ी सीमा क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के निर्माण, नक्सलवाद के उन्मूलन, राज्यों के बीच समन्वय आदि को लेकर भी बातचीत हो सकती है. यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
तीन राज्यों के सीएम नहीं हो रहे हैं शामिल
उधर इस बैठक में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन शामिल नहीं हो रहे हैं. इनकी जगह उनके प्रतिनिधि बैठक में हिस्सा लेंगे. बता दें कि पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक पटना में 5वीं बार हो रही है. इससे पहले 1958, 1963, 1985 और 2015 में बैठक हो चुकी है. अब 2023 में यह बैठक हो रही है.
पार्टी के नेताओं से भी अमित शाह करेंगे मुलाकात
उधर यह भी खबर है कि दोपहर में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पार्टी के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. पटना के स्टेट गेस्ट हाउस में शाम 6 से 7 बजे तक यह बैठक होनी है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा कई अन्य वरिष्ठ नेता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) के सदस्यों में शामिल हैं. यह समिति उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम फैसला लेती है. सूत्रों ने बताया कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से संबंधित सीईसी की तीसरी बैठक में राजस्थान को लेकर चर्चा हो सकती है.
इससे पहले की दो बैठकों में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारों पर चर्चा की गई थी. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों के अलावा चार अन्य सांसदों को उम्मीदवार बनाया है. ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा राजस्थान में इसी रणनीति के तहत केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी को विधानसभा चुनाव में उतार सकती है.
भाजपा ने 2019 में राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से एक को छोड़कर सभी पर जीत दर्ज की थी. तेलंगाना और मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. निर्वाचन आयोग अक्टूबर के पहले पखवाड़े में सभी पांच राज्यों में चुनावी प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू कर सकता है. चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने की संभावना है.
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए भाजपा ने अब तक 79 उम्मीदवारों और छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए 21 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. चुनावों की घोषणा से पहले ही उम्मीदवारों के नाम तय कर लेना भाजपा की नयी रणनीति का हिस्सा है. आम तौर पर चुनाव की घोषणा के बाद पार्टी अपने उम्मीदवारों की घोषणा करती है.
राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15-22 के तहत वर्ष 1957 में 5 क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी। केन्द्रीय गृह मंत्री इन पांच क्षेत्रीय परिषदों में प्रत्येक के अध्यक्ष हैं और क्षेत्रीय परिषदमें शामिल राज्यों- केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री- उप- राज्यपाल- प्रशासक इसके सदस्य हैं, जिनमें से एक मुख्यमंत्री हर साल बारी-बारी से उपाध्यक्ष होते हैं। राज्यपाल की ओर से प्रत्येक राज्य से 2 और मंत्रियों को परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया जाता है। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद ने मुख्य सचिवों के स्तर पर एक स्थायी समिति का भी गठन किया है। पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष हैं।
बैठक में आपसी सहमति से समाधान का प्रयास
राज्यों की ओर से प्रस्तावित मुद्दों को सर्वप्रथम संबन्धित क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति के समक्ष चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाता है। जिन मुद्दों का आपसी सहमति से समाधान नहीं निकल पाता है उन्हें क्षेत्रीय परिषद की बैठक में विचार-विमर्श के लिए प्रस्तुत किया जाता है। बताया गया है कि सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से वर्ष 2014 से अब तक पिछले 9 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की कुल 55 बैठकें हुईं हैं, इनमें स्थायी समितियों की 29 बैठकें और क्षेत्रीय परिषदों की 26 बैठकें शामिल है।