अयोध्या और मिथिलावासी को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में बांधने में कारगर होगा 19 वां अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन

अयोध्या और मिथिलावासी को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में बांधने में कारगर होगा 19 वां अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन : श्रीश्री 1008 गौसेवी संत कौशल किशोर दास जी महाराज |
माता जानकी के मायके और ससुराल के जनमानस को सन्मार्ग का दर्शन कराने वाला साबित होगा यह आयोजन: श्रीश्री 1008 स्वामी अवधेश कुमार दास जी महाराज
सम्मेलन में मैथिली साहित्य एवं संस्कृति की अविरल बहेगी धारा: डा बैद्यनाथ चौधरी ‘बैजू’
माता जानकी के बगैर राम की कल्पना नहीं की जा सकती। क्योंकि भगवान श्रीराम ने अपने जीवन में विषम परिस्थितियों एवं कठिनाइयों का सामना करते हुए जिस मर्यादा को स्थापित करने का सफल प्रयास किया, वह बिना मां जानकी के सहयोग के संभव नहीं था. यह बात 19 वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन की आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक श्रीश्री 1008 गौसेवी संत कौशल किशोर दास जी महाराज ने गुरुवार को श्री कौशलेन्द्र कथा मंडपम में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही.
उन्होंने कहा कि माता जानकी का चरित्र हमारे क्षेत्र की सांस्कृतिक चेतना की केंद्रीय भावना है। पूरी दुनिया में अगर हमारी संस्कृति सर्वश्रेष्ठ संस्कृति के रूप में पहचानी जाती है तो यह भगवान श्रीराम और माता जानकी द्वारा प्रस्तुत उदाहरण के कारण ही है. यह सम्मेलन हमारी प्राचीन सांस्कृतिक परम्पराओं को सुदृढ़ करने के साथ ही मिथिला और अयोध्या के जन-जन को एक बार फिर से सांस्कृतिक एकता के सूत्र में बांधने में कारगर होगा.
स्वागताध्यक्ष श्रीश्री 1008 स्वामी अवधेश कुमार दास जी महाराज ने कहा कि रामकथा में अयोध्या और मिथिला धाम अभिन्न रूप से जुड़े हैं। राजा जनक और दशरथ के पारिवारिक जुड़ाव के चलते अयोध्या और मिथिला आपस में गहराई से जुड़े है। हमारे संबंध अति प्राचीन और गहरे तथा हमारी विरासत और परम्परा सांझी रहे हैं. धर्म ही सदियों से सदाचार का प्रेरणा स्त्रोत रहा है। यह आयोजन माता जानकी के मायके और ससुराल के जनमानस को सन्मार्ग का दर्शन कराने वाला साबित होगा.
सम्मेलन के महासचिव डाॅ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि दो दिवसीय मैथिली के संवैधानिक अधिकार दिवस के रूप में मनाये जा रहे19 वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन में मैथिली साहित्य एवं संस्कृति की अविरल धारा लगातार दो दिनों तक बहेगी। इसमें विचार गोष्ठी प्रभारी मणिकांत झा के नेतृत्व में जहाँ ‘मिथिला, मैथिली एवं मैथिलक उत्कर्ष’ विषय पर केन्द्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। वहीं, हरिश्चंद्र हरित के संयोजन में भव्य अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दोनों दिन संध्या बेला में आयोजित होने वाला रंगारंग कार्यक्रम प्रतिनिधियों के विशेष आकर्षण के केन्द्र में होगा। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष एवं मैथिली मंच के स्वनामधन्य उद्घोषक पं कमलाकांत झा एवं प्रो जीवकांत मिश्र के संयोजन में आयोजित होने वाले रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में मैथिली मंच के स्टार कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।
इस दौरान जहां भव्य संत समागम का आयोजन किया जाएगा. वहीं ‘अयोनिजा’ नाम से संग्रहणीय स्मारिका का प्रकाशन भी किया जाएगा। स्मारिका का प्रबंध संपादक सीएम कालेज, दरभंगा के प्रधानाचार्य डा फुलो पासवान को बनाया गया है। जबकि संपादक की कमान वरिष्ठ साहित्यकार डा महेंद्र नारायण राम को और सह संपादक की कमान प्रवीण कुमार झा को प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि मां सीता के ससुराल में आयोजित हो रहे 19 वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर अतिथि अपनी उपस्थिति की स्वीकृति बिहार सरकार के काबीना मंत्री संजय झा एवं जिवेश मिश्र के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री डा सीपी ठाकुर, दरभंगा के सांसद गोपाल जी ठाकुर , दरभंगा नगर विधायक संजय सरावगी आदि ने दे दी है।
जबकि इस सम्मेलन में बतौर अतिथि शिरकत करने के लिए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वृंदावन के विधायक एवं उत्तर प्रदेश के विद्युत मंत्री श्रीकांत शर्मा, मधुबनी के सांसद डॉ अशोक कुमार यादव, बेनीपुर के विधायक प्रो विनय कुमार चौधरी, केवटी विधायक मुरारी मोहन झा, अलीनगर विधायक डॉ मिश्री लाल यादव, बिस्फी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल आदि को आमंत्रित किया गया है।
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