सी एम कॉलेज : छात्रावास- छात्रों के व्यावहार- विचार, बातचीत एवं अनुशासन से अभिभूत हुए प्रधानाचार्य
सी एम कॉलेज : प्रधानाचार्य डा फूलो पासवान एवं पूर्व अधीक्षक डा आर एन चौरसिया ने परिसर में लगाया फलदार वृक्ष
छात्रावास की जीवन- पद्धति अनेकता में एकता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण- डा फूलो
विद्यापति छात्रावास का इतिहास गौरवमयी, वर्तमान संतोषजनक व भविष्य उज्ज्वल- डा चौरसिया
शिक्षकों की वास्तविक पहचान उनके छात्रों के व्यावहार- विचार एवं सफलता में निहित- डा ललित
सी एम कॉलेज, दरभंगा के प्रधानाचार्य डा फूलो पासवान ने महाविद्यालय के विद्यापति छात्रावास का गहन निरीक्षण किया। उनके साथ पूर्व छात्रावास अधीक्षक डा आर एन चौरसिया एवं वाणिज्य के प्राध्यापक डा ललित शर्मा आदि शामिल थे। इस दौरान प्रधानाचार्य ने छात्रावास के छात्रों से मिलकर उनकी समस्याओं को भी सुना तथा शीघ्र निदान का आश्वासन दिया। प्रधानाचार्य ने चारों वार्ड, कॉमन रूम, साइकिल स्टैंड, मेसरुम, खेल मैदान के साथ ही सरकार के सहयोग से बन रहे 100 बेड के नए छात्रावास, प्रिंसिपल क्वार्टर तथा शिक्षक क्वाटर आदि का भी निरीक्षण किया।
इस अवसर पर छात्रावास के छात्रों ने प्रधानाचार्य डा फुलो, डा चौरसिया तथा डा ललित शर्मा का पुष्पगुच्छ स्वागत किया।प्रधानाचार्य छात्रों के व्यावहार- विचार, बातचीत एवं अनुशासन से अभिभूत हुए।
उन्होंने अपने संबोधन में छात्रों को नववर्ष की शुभकामना देते हुए कहा कि मैं पटना विश्वविद्यालय के मिंटू छात्रावास का अधीक्षक रहा हूं तथा छात्रसंघ के सचिव के रूप में भी काम किया हूं, जिसका लाभ यहां के छात्रों को भी मिलेगा। छात्रावास की जीवन- पद्धति अलग होती है जो अनेकता में एकता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
छात्र पुष्पगुच्छ के समान अलग- अलग होते हुए भी एक होते हैं। वे कॉलेज परिवार के प्यारे सदस्य एवं महाविद्यालय के दर्पण सदृश्य हैं। उन्होंने शीघ्र ही छात्रावास में प्रतियोगी पत्रिकाएं, खेल के सामान, सुरक्षा गार्ड तथा अतिरिक्त चतुर्थवर्गीय कर्मी आदि छात्रावास में मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
अपने संबोधन में पूर्व छात्रावास अधीक्षक डा आर एन चौरसिया ने कहा कि इस छात्रावास का इतिहास गौरवमई, वर्तमान संतोषजनक तथा प्रधानाचार्य के दिशा- निर्देश में भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने छात्रावास की सुव्यवस्था हेतु अनुशासन एवं नियम पालन पर जोर देते हुए कहा कि यहां साप्ताहिक वाद-विवाद, संगोष्ठी, प्रतियोगिताएं तथा खेलकूद आदि का आयोजन नियमित रूप से होना चाहिए, ताकि छात्रों के व्यक्तित्व का पूर्ण विकास तथा वास्तविक चरित्र- निर्माण भी हो सके।
वाणिज्य के प्राध्यापक डा ललित शर्मा ने कहा कि शिक्षकों की वास्तविक पहचान उनके छात्रों के व्यावहार- विचार एवं सफलता में निहित है। उन्होंने छात्रों के अनुशासन एवं लगनशीलता को देखते हुये कहा कि मुझे विश्वास है कि विद्यापति छात्रावास के विद्यार्थी अपने शिक्षकों एवं महाविद्यालय का नाम रोशन करते रहेंगे। कार्यक्रम में शशिकांत, वरुण, पप्पू पंडित, अब्दुल, हसन राजा, उज्ज्वल, प्रभुदेव, राजेश, राम प्रमाण, दिनेश, राहुल, विजय, शिवम, गिरधारी, धर्मेंद्र, उत्कर्ष, रवि, संजीव व राजनाथ आदि उपस्थित थे। कैलाश कुमार आनंद के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन बजरंगी कुमार यादव ने किया।
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