
दरभंगा में एम्स का निर्माण जल्द होगा प्रारंभ, गृह मंत्री से मिले सांसद…
दरभंगा :- गुरुवार को दरभंगा सांसद डॉ गोपाल जी ठाकुर ने लोकसभा कार्यालय में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर दरभंगा एम्स निर्माण में बिहार सरकार द्वारा उत्पन्न किए जा रहे गतिरोध और अद्यतन स्थिति से अवगत कराए। उन्होंने कहा कि दरभंगा एम्स भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना और उत्तर बिहार के लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में वरदान है। परंतु बिहार सरकार के असहयोगात्मक रवैया एवं अटकाने, लटकाने एवं भटकाने वाली नीति के कारण अब तक इस एम्स का निर्माण संभव नहीं हो सका है।
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि बिहार में खासकर उत्तर बिहार और मिथिला में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को मद्देनजर रखते हुए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा वर्ष 2015-16 के आम बजट में बिहार में दूसरे एम्स निर्माण को मंजूरी प्रदान किया गया था और 08 जून 2015 एवं 03 जुलाई 2018 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, भारत सरकार जे पी नड्डा जी द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एम्स निर्माण हेतु 200 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने हेतु पत्र प्रेषित किया गया था।

तत्पश्चात ज्वाइंट सेक्रेटरी,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा 10 दिसंबर 2015 एवं 02 मई 2016 को प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग बिहार को पत्र के माध्यम से पूर्व में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री,भारत सरकार द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र को स्मारित कर संबंधित सूचना जल्द भेजने हेतु अनुरोध किया गया। वहीं सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 02 फरवरी 2018,18 दिसंबर 2020 एवं 31 मई 2021को मुख्य सचिव, बिहार एवं निदेशक, पीएमएमएसवाई, भारत सरकार द्वारा 12 मार्च 2021 तथा 05 अक्टूबर 2021 को संयुक्त सचिव एवं प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग बिहार को पत्र के माध्यम से स्मारित कर सभी लंबित प्रक्रिया जल्द पूर्ण करने का अनुरोध किया था, ताकि एम्स का निर्माण जल्द प्रारंभ हो सके। इस दौरान बिहार सरकार द्वारा वर्षों तक इस पत्र का कोई जवाब नही दिया गया।
सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा इतने अनुरोध के वाबजूद एम्स निर्माण हेतु स्थल चिन्हित नही होने की स्थिति में वह स्वयं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर मिथिला और उत्तर बिहार के केंद्र दरभंगा में अवस्थित डीएमसीएच की 300 एकड़ भूमि में से 200 एकड़ भूमि पर एम्स निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किए थे, जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा सहमति प्रदान कर दिया गया। बिहार सरकार द्वारा जमीन हेतु सहमति मिल जाने के पश्चात प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा 15 सितंबर 2020 को दरभंगा में 1264 करोड़ की लागत 750 बेड वाले एम्स के निर्माण को स्वीकृति प्रदान किया गया और केंद्रीय कैबिनेट के स्वीकृति से अगले 48 महीना के भीतर इसका निर्माण पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था परंतु बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट द्वारा दरभंगा चिकित्सा महाविद्यालय की 200 एकड़ जमीन एम्स निर्माण हेतु भारत सरकार को निःशुल्क हस्तांतरित करने मंजूरी देने के पश्चात मात्र 81 एकड़ जमीन ही भौतिक रूप से एम्स को हस्तांतरित किया गया।
जिस पर 27.07.2021 को तत्कालीन एनडीए की सरकार द्वारा प्रस्तावित स्थल पर प्रथम चरण 75 एकड़ भूमि पर मिट्टीकरण और समतलीकरण करने हेतु लगभग 13.23 करोड़ की राशि को स्वीकृति प्रदान की गई थी। जो कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा की अब जब बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गई है तो सरकार के इशारे पर दरभंगा में एम्स नही बने इसको लेकर महागठबंधन के नेता कभी अशोक पेपर मिल तो कभी शोभन के जमीन का चर्चा कर इसके निर्माण में बाधा उत्पन्न कर रहे है। उन्होंने कहा की डीएमसीएच की 73 एकड़ जमीन अतिक्रमित हो चुका है, इस पर मुख्यमंत्री जी कोई वक्तव्य नही दे रहे है।
सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि दरभंगा एम्स निर्माण को गति प्रदान करने हेतु भारत सरकार द्वारा एम्स के कार्यकारी निदेशक को भी नियुक्त कर दिया गया है। कार्यकारी निदेशक नियुक्त होने के पश्चात 06.09.2022 को एम्स निर्माण हेतु प्रस्तवित डीएमसीएच का 81एकड़ भूमि भौतिक रूप से दरभंगा एम्स के निदेशक को हस्तांतरित कर दिया। अब राजनीतिक द्वेष और मिथिला में भाजपा के बढ़ते दबदबा को देखते बिहार के मुख्यमंत्री ने अपने समाधान यात्रा के दौरान इसके निर्माण को अटकाने , लटकाने एवं भटकाने की मंशा से इसका निर्माण स्थल परिवर्तन करने का घोषणा कर दिए। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा एम्स निर्माण हेतु जिस नए स्थल की बात की जा रही है, वह नदी के बांध के बगल में अत्यंत बाढ़ प्रभावित और लगभग 25 – 30 फीट लो लैंड विवादित भूमि है। उक्त भूमि की यथास्थिति को महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के विधानपार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा विधानपरिषद में प्रदर्शित कर चुके है।
सांसद ने कहा कि यह सारा कुचक्र मिथिला के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित रखने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा की भारत सरकार द्वारा एम्स की घोषणा के लगभग 08 वर्ष और केंद्रीय कैबिनेट द्वारा स्वीकृति को लगभग 03 वर्ष बीत जाने के बाद भी बिहार सरकार द्वारा सहयोग नहीं देने के कारण एम्स का निर्माण कार्य प्रारंभ नही हो सका है। जबकि दरभंगा एम्स के साथ और बाद विभिन्न राज्यों में घोषित सभी एम्स बनकर तैयार हो चुका है। उत्तर बिहार में एक भी उच्चस्तरीय स्वास्थ्य संस्थान नही रहने के कारण, यहां के लोगों को काफी कठिनाइयो सामना करना पड़ता है। दरभंगा में एम्स का स्थापना हो जाने से उत्तर बिहार के 22 जिला सहित नेपाल के चौदह जिला, पश्चिम बंगाल सहित सिक्किम तक के सीमावर्ती क्षेत्र के करोड़ों लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
सांसद डॉ ठाकुर ने गृह मंत्री को दरभंगा सहित मिथिला में चल रहे अन्य कई केंद्रीय परियोनाओं की यथास्थिति से भी अवगत कराएं। उन्होंने दरभंगा में बिहार सरकार की गलत नीति के कारण दो दशक से अधिक से बंद पड़े दरभंगा सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक से किसानों को रही समस्या से भी अवगत कराए। सांसद ने कहा की गृह मंत्री ने सभी बातों को सुनने के पश्चात सभी विषयों पर त्वरित संज्ञान लेने का आश्वासन दिया है।