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Corona Update: स्वास्थ्य मंत्री की चिट्ठी के क्या हैं मायने? क्या देश में फिर लगने वाली हैं बड़ी पाबंदियां?

Corona Update: कोविड कंट्रोल करने वाली कमेटी से जुड़े एक वरिष्ठ सदस्य कहते हैं कि ऐसी किसी भी चिट्ठी को आज के हालात के मद्देनजर राजनीति से नहीं देखना चाहिए। उनका कहना है कि चूंकि यह चिट्ठी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के लिए लिखी गई है, तो उसका राजनीतिकरण होना स्वाभाविक है…

(Corona Update) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने राहुल गांधी को लिखी चिट्ठी में भारत जोड़ो यात्रा को स्थगित करने की अपील की है। इस यात्रा को स्थगित करने के पीछे की सबसे बड़ी वजह मनसुख मंडाविया ने कोविड के हालातों में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की बात कही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की इस चिट्ठी के बाद चर्चा इस बात की हो रही है कि क्या केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पास इस बात के इनपुट पहुंच चुके हैं कि आने वाले दिनों में एक बार फिर से कोविड के हालात भयावह हो सकते हैं। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की चिट्ठी को कांग्रेस महज एक पॉलिटकल चिट्ठी बता रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से भाजपा नेता डरे हुए हैं। इसीलिए अचानक ऐसी चिट्ठी लिखकर न सिर्फ यात्रा को रोकने की बात कर रहे हैं, बल्कि लोगों में भय भी पैदा कर रहे हैं।

कराई जाए जिनोम सीक्वेंसिंग

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की चिट्ठी उस वक्त जारी हुई है जब चीन में कोविड के हालात बहुत हद तक गंभीर हो रहे हैं। ऐसे ही गंभीर हालात के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक बड़ी बैठक हुई। उसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से पूरे देश के सभी राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की गई। दुनिया भर के बड़े विशेषज्ञों ने चीन में बेकाबू होते हालातों पर चिंता जाहिर की और अपने अपने देश में आने वाले कोविड के मामलों की जिनोम सीक्वेंसिंग कराने के लिए कहा गया। ताकि अगर वायरस का म्यूटेशन हुआ है, तो नए वैरिएंट की पहचान हो सके।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इन तमाम चिंताओं के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अगर किसी बहुत बड़े इवेंट में इकट्ठा हो रही भीड़ को लेकर चिट्ठी लिखी है, तो निश्चित तौर पर यह बात गंभीरता से ली जानी चाहिए। हालांकि स्वास्थ्य महकमे से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति की गंभीरता सिर्फ कांग्रेस पर ही नहीं, बल्कि पूरे देश के अलग-अलग इलाकों में जुटने वाली ऐसी भीड़ समेत तमाम बड़े आयोजनों पर भी लागू होनी चाहिए। कोविड को कंट्रोल करने वाली कमेटी से जुड़े एक वरिष्ठ सदस्य कहते हैं कि ऐसी किसी भी चिट्ठी को आज के हालात के मद्देनजर राजनीति से नहीं देखना चाहिए। उनका कहना है कि चूंकि यह चिट्ठी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के लिए लिखी गई है, तो उसका राजनीतिकरण होना स्वाभाविक है। वह कहते हैं कि अगले एक सप्ताह के भीतर चीन के हालात देखने के बाद देश में कुछ और एहतियातन ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।

कांग्रेस बोली- सरकार लाए प्रोटोकॉल, करेंगे पालन

दरअसल कांग्रेस पार्टी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की ओर से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को स्थगित करने की अपील पर कड़ा विरोध दर्ज किया है। इसको लेकर कांग्रेस ने अब भाजपा सरकार पर पलटवार किया है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात चुनाव के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया था। वह कहते हैं कि मनसुख मंडाविया को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पसंद नहीं आ रही है, जबकि लोग इसे पसंद कर रहे हैं। यात्रा में शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी स्वास्थ्य मंत्री के पत्र पर सवाल खड़े किए हैं। दोनों नेताओं ने कहा कि संसद सत्र चल रहा है, लेकिन हमें कोई कोविड प्रोटोकॉल नहीं दिख रहा है। अगर सरकार प्रोटोकॉल लाती है तो हम उसका पालन करेंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राहुल गांधी को एक चिट्ठी लिखकर कहा था कि यात्रा में कोविड गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करें। इसके अलावा यात्रा में जुड़ने से पहले और जुड़ने के बाद यात्रियों को आइसोलेट भी किया जाए। साथ ही, यात्रा में वही लोग शामिल किया जाएं जो पूरी तरीके से वैक्सीनेटेड हों। ऐसा ना होने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पब्लिक हेल्थ एमरजेंसी की स्थिति का हवाला देते हुए राहुल गांधी से उनकी यात्रा को देशहित में स्थगित करने की भी अपील की है। स्वास्थ्य मंत्री की सूची के बाद ही कांग्रेस के नेताओं ने अपना विरोध जताना शुरू कर दिया।

हालांकि चिट्ठी से मचे बवाल के बीच कोविड निगरानी कमेटी कई अहम फैसले लेने के पक्ष में दिख रही है। इस कमेटी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ दिनों के भीतर देश में मिलने वाले कोविड मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग से जो परिणाम आएंगे, उसके आधार पर सख्त कदम उठाए जाएं। कमेटी से जुड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में बिगड़े हालात के चलते तो अपने देश में बड़ी सख्ती नहीं होगी, लेकिन अपने देश में अगर इस तरीके के मामले सामने आते हैं या अचानक केसों में वृद्धि होती है तो निश्चित तौर पर सख्त कदम भी उठाए जा सकते हैं।

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