बजट और फरदो नाला पर गरमाई राजनीति से तपा निगम

मुजफ्फरपुर : बजट और फरदो नाला पर गरमाई राजनीति से तपा निगम
मुजफ्फरपुर : बजट और फरदो नाला पर गरमाई राजनीति से तपा निगम
बजट और फरदो नाला पर गरमाई राजनीति से शनिवार को दिनभर नगर निगम तपता रहा। दोनों मुद्दे निगम के ऑफिसयल व्हाट्सएप ग्रुप पर तपिश का सबब बना रहा। सुबह 8.26 से शुरू हुआ वाद-प्रतिवाद का सिलसिला दोपहर 2.24 तक चला। नगर आयुक्त के सवाल पर 10 से अधिक वार्ड पार्षदों ने अपनी दलीलें पेश की। शाम मेयर ने कहा कि सोमवार को बोर्ड की विशेष बैठक बुलाने के लिए नगर आयुक्त को पत्र भेजा जाएगा। पत्र जारी होने के 72 घंटे बाद ही बैठक आयोजित की जा सकती है।
इस माहौल में भलाई इसी में है कि वार्ड पार्षद अब जनता के बीच में अपना समय दें। इस पर नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने जवाब दिया- बजट पास नहीं करना गंभीर भूल हैं। इसका खामियाजा शहरवासियों को झेलना होगा। पहले से ही इसमें दो माह का विलंब हो चुका है।
राज्य के सभी नगर निगम अपना बजट पिछले वित्तीय वर्ष में ही पास कर चुके हैं। लेकिन, मुजफ्फरपुर नगर निगम सबसे अनोखा है। तब शबाना परवीन ने जवाब दिया- हमलोग नगर निगम में 2007 से यही खेल देख रहे हैं। हमेशा कार्यपालिका और विधायिका में विवाद होता रहता है। जनता का क्या कसूर है।
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विकास में जो भी बाधाक है उसे भगवान दूर करे। नगर आयुक्त ने जवाब दिया राज्य में पांच में से चार ऐसे नगर निगम है जहां नगर आयुक्त नहीं हैं। वहां भी बजट पास हो चुका है। आत्ममंथन करने की जरूरत है कि अवरोध किस कारण किया गया। बजट की कॉपी डेढ़ माह पहले ही सभी पार्षदों को दे दी गई थी।
कहीं से भी कोई सुझाव या आपत्ति नहीं आयी। स्थाई समिति से बजट पास हो चुका था। महज एक औपचारिकता भर रह गई थी बोर्ड से इसे पास कराने की। जब बोर्ड में इसे पास नहीं किया गया तो उस समय आपने विरोध क्यों नहीं किया। जवाब में शबाना परवीन ने कहा बोर्ड की मीटिंग में आप नहीं थे, जबकि रहना चाहिए था।
घबराने से कोई काम नहीं होता है विरोध का सामना करना चाहिए था। नगर आयुक्त ने कहा राष्ट्र स्तर के कार्यक्रम में भाग लेने गया था। यह ज्यादा जरूरी था। मेरे नहीं रहने से क्या फर्क पड़ता था, ऐसी क्या चर्चा होनी थी जो स्टैंडिंग में नहीं हुई। बजट पास नहीं होने का अर्थ होता है सरकार का विश्वास मत खो देना। मैंने विभाग से मार्गदर्शन मांगा है कि इस वित्तीय संकट में क्या करना चाहिए।
वार्ड 38 की पार्षद शबाना परवीन ने सुबह 8.26 बजे नगर आयुक्त के ऑफिसियल व्हाट्सएप ग्रुप पर इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने विवाद पर कटाक्ष करते हुए लिखा- नगर निगम को अब मेयर और नगर आयुक्त पर छोड़ दिया जाये। ये दोनों ही विकास को गति देंगे। इस माहौल में भलाई इसी में है कि वार्ड पार्षद अब जनता के बीच में अपना समय दें।
इस पर नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने जवाब दिया- बजट पास नहीं करना गंभीर भूल हैं। इसका खामियाजा शहरवासियों को झेलना होगा। पहले से ही इसमें दो माह का विलंब हो चुका है। राज्य के सभी नगर निगम अपना बजट पिछले वित्तीय वर्ष में ही पास कर चुके हैं। लेकिन, मुजफ्फरपुर नगर निगम सबसे अनोखा है।
तब शबाना परवीन ने जवाब दिया- हमलोग नगर निगम में 2007 से यही खेल देख रहे हैं। हमेशा कार्यपालिका और विधायिका में विवाद होता रहता है। जनता का क्या कसूर है। विकास में जो भी बाधाक है उसे भगवान दूर करे। नगर आयुक्त ने जवाब दिया राज्य में पांच में से चार ऐसे नगर निगम है जहां नगर आयुक्त नहीं हैं।
वहां भी बजट पास हो चुका है। आत्ममंथन करने की जरूरत है कि अवरोध किस कारण किया गया। बजट की कॉपी डेढ़ माह पहले ही सभी पार्षदों को दे दी गई थी। कहीं से भी कोई सुझाव या आपत्ति नहीं आयी। स्थाई समिति से बजट पास हो चुका था। महज एक औपचारिकता भर रह गई थी बोर्ड से इसे पास कराने की।
जब बोर्ड में इसे पास नहीं किया गया तो उस समय आपने विरोध क्यों नहीं किया। जवाब में शबाना परवीन ने कहा बोर्ड की मीटिंग में आप नहीं थे, जबकि रहना चाहिए था। घबराने से कोई काम नहीं होता है विरोध का सामना करना चाहिए था। नगर आयुक्त ने कहा राष्ट्र स्तर के कार्यक्रम में भाग लेने गया था।
यह ज्यादा जरूरी था। मेरे नहीं रहने से क्या फर्क पड़ता था, ऐसी क्या चर्चा होनी थी जो स्टैंडिंग में नहीं हुई। बजट पास नहीं होने का अर्थ होता है सरकार का विश्वास मत खो देना। मैंने विभाग से मार्गदर्शन मांगा है कि इस वित्तीय संकट में क्या करना चाहिए।
इसके बाद वार्ड 24 के पार्षद ने फरदो नाला उड़ाही का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह शहर के हित में बेहतर काम है। इसमें कोई विवाद नहीं होना चाहिए। नगर आयुक्त ने कहा पूरा शहर देख रहा है कि अनावश्यक विवाद उत्पन्न किया जा रहा है। अपने ही पत्र को लोग भूल गये या अनजान बन रहे।
इतना परिश्रम से वर्षों की लापरवाही को ठीक किया जा रहा, फरदो की सफाई में रात दिन एक कर दिया गया है। शबाना परवीन ने जवाब दिया काम के विरोध में मेयर नहीं है उनका कुछ सुझाव है जिसे सुन लिया जाना चाहिए। इसके बाद वार्ड सात की पार्षद सुषमा देवी, वार्ड 10 के पार्षद अभिमन्यु कुमार, वार्ड 30 के पार्षद सुरभि शिखा, समेत कई पार्षदों ने फरदो की सफाई और बजट के मुद्दे पर नगर आयुक्त की हिमायत में दिखे।
बजट पर विशेष बैठक बुलाकर करेंगे पास : मेयर
बजट के मुद्दे पर मेयर राकेश कुमार ने कहा जल्द ही इसके लिए बैठक होगी। सोमवार को इसके लिए नगर आयुक्त को पत्र लिख रहा हूं। शुक्र या शनिवार को बोर्ड की बैठक होगी जिसमें नगर आयुक्त रहें तो बेहतर है। यदि वह नहीं भी रहेंगे तो बजट पास होगा, क्योंकि यह शहर के विकास का मुद्दा है।
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