25 जून 1975 को देश मे आपातकाल (काला दिवस) पर प्रेस व मानवाधिकार का हनन हुआ था : राधा मोहन सिंह
25 जून 1975 को देश मे आपातकाल (काला दिवस) पर प्रेस व मानवाधिकार का हनन हुआ था : राधा मोहन सिंह
लहेरियासराय स्थित सर्किट हाउस में भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधा मोहन सिंह के द्वारा संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
मौके पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार के द्वारा 25 जून, 1975 को आपातकाल लागू कर देश में लोकतंत्र की हत्या की गई थी।
आपातकाल जैसी स्थिति में मानवाधिकारों का हनन एवं प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया गया था। वही राजनैतिक दलों की गतिविधियों पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई थी।
सभी विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। आपातकाल के विरोध एवं लोकतंत्रीय अधिकारों की रक्षा के लिए व्यापक आंदोलन हुआ।
हर साल हम देश में मानवाधिकारों के हनन के लिए 25 जून को काला दिवस के रूप में मनाते है। 25 जून 1975 को देश में लगी आपात स्थिति को आज 47 वर्ष हो गए है। लेकिन उन काले दिनों की याद आज भी मन मस्तिक पर वैसे ही तरोताजा बनी हुई है।
आज भी वो दिन याद करके मन कांप उठता है लेकिन भारत की जनता और भारत का लोकतंत्र इतना मजबूत है कि वह किसी भी संकट से बाहर आ सकती है।
वर्तमान में सारे देश को यह वादा करने का दिन है कोई तानाशाह भविष्य में आपात स्थिति लागू करने की सोच ही न सके। आयोजित प्रेसवार्ता में उनके साथ सांसद गोपाल जी ठाकुर,नगर विधायक,संजय सरावगी,डॉ रामचन्द्र प्रसाद,विधान पार्षद अर्जुन सहनी,हरि सहनी, भाजपा जिलाध्यक्ष,जीवछ सहनी मीडिया प्रभारी अमलेश झा आदि उपस्थित थे।
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