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दरभंगाबिहार

जागरूकता अभियान के तहत चंदा देवी पोद्दार जो कि मैसर्स आत्माराम पोद्दार के मालिक का निधन के बाद नेत्रदान कराया गया

जागरूकता अभियान के तहत चंदा देवी पोद्दार जो कि मैसर्स आत्माराम पोद्दार के मालिक का निधन के बाद नेत्रदान कराया गया…

दरभंगा दधीचि देहदान समिति बिहार के जागरूकता अभियान के तहत चंदा देवी पोद्दार जो कि मैसर्स आत्माराम पोद्दार के मालिक पवन पोद्दार की धर्मपत्नी थी का निधन के बाद नेत्रदान कराया गया।

उन्होंने लगभग 15 दिनों पूर्व ही स्व बद्री प्रसाद महंसरिया के नेत्रदान से प्रेरित होकर अपने परिवारजनों से अपने नेत्रदान की इच्छा जताई थी। उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए परिजनों ने उनके निधन के तुरंत बाद दधीचि देहदान समिति बिहार की दरभंगा इकाई के संयोजक एवं भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव मनमोहन सरावगी से संपर्क कर उनके नेत्रदान की इच्छा को पूर्ण कराने के लिए इच्छा जाहिर किया।
तुरंत ही डीएमसीएच के आई बैंक के नेत्रदान प्रभारी डॉ रणधीर जी से संपर्क किया गया ।

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आई बैंक टीम ने पहुंचकर स्वर्गीय चंदा देवी का नेत्रदान की प्रक्रिया को पूरा किया। श्रीमती चंदा देवी अपने पीछे बहू सीमा पोद्दार, तीन पुत्रियों श्रीमती सोनिया गुप्ता, श्रीमती अनुराधा मित्तल, श्रीमती स्वेता टीकमानी, पोते मनन पोद्दार, पोती प्राची पोद्दार समेत भरा पूरा छोड़ गई है।
उनके पति श्री पवन पोद्दार ने कहा कि अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी कर काफी सुकून की अनुभूति हो रही है एवं उनकी आंखें अगर किसी के काम आ जाए तो इससे अच्छा क्या हो सकता है।

पोते मनन पोद्दार ने बतलाया कि उनकी दादी पिछले कई दिनों से यह कह रही थी की मरणोपरांत उनका नेत्रदान जरूर करवाना। मौके पर उपस्थित प्रमंडलीय वाणिज्य एवं उद्योग परिषद के प्रधान सचिव श्री सुशील जैन ने कहा कि नेत्रदान कर 2 लोगों के जीवन में उजियारा लाने से बड़ा पुण्य का काम क्या होगा।

वहीं बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन, दरभंगा के अध्यक्ष प्रोफेसर अशोक पोद्दार ने मृतक नेत्रदानी श्रीमती चंदा देवी पोद्दार के परिजनों के संकल्प को धन्यवाद दिया। शक्तिधाम सेवा समिति के अध्यक्ष श्री पवन बगड़िया ने कहा कि समाज का यह कर्तव्य है कि परिवार में अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो उनका नेत्रदान कर दो लोगों को रोशनी देने का संकल्प लेना चाहिए। मौजूद सभी लोगों ने नेत्रदान के अभियान को आगे बढ़ाने एवं नेत्रदान के प्रति अपना संकल्प जाहिर किया।

समिति के कार्यकारिणी सदस्य संजय खटीक ने नेत्रदान को पूरा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

समिति के स्थानीय संयोजक एवं रेडक्रास के सचिव मनमोहन सरावगी ने कहा कि महर्षि दधीचि की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अब समाज के लोग जिस प्रकार आगे आ रहे हैं वह दिन दूर नहीं की कोई भी व्यक्ति जिसे डॉक्टर कॉर्निया (आंख) प्रत्यारोपित करने की सलाह डॉक्टर देंगे को आंख मिलने में कठिनाई होगी वे दुनिया को देख सकेंगे।

उन्होंने कहां की परिजन अगर चाहे तो उनके मोबाइल नंबर 9431219884 पर संपर्क कर नेत्रदान की प्रक्रिया पूर्ण करवा सकते हैं। नेत्रदान हेतु आई बैंक की टीम का नेतृत्व डॉक्टर नीलेश कर रहे थे एवं डॉक्टर दीपक, सिस्टर पूनम और सिस्टर शिल्पी ने महत्वपूर्ण मदद की।

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