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जर्मनी और पाकिस्तान की साझा प्रेस फांफ्रेंस की भारत ने की निंदा, विदेश मंत्रालय ने दिया ये बड़ा बयान

जर्मनी और पाकिस्तान की साझा प्रेस फांफ्रेंस की भारत ने की निंदा, विदेश मंत्रालय ने दिया ये बड़ा बयान

इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहते हैं। शहबाज शरीफ ने कहा कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत इस संदेश को समझे कि दोनों देश एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। 

भारतीय विदेश मंत्रालय मे शुक्रवार को बर्लिन में की गई पाकिस्तान और जर्मनी की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की निंदा की है। मंत्रालय ने शनिवार को दोनों देशों की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की आलोचना करते हुए कहा कि वैश्विक समुदाय के सभी गंभीर और कर्तव्यनिष्ठ सदस्यों की अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को खत्म करने की भूमिका और जिम्मेदारी है। भारत में जम्मू कश्मीर दशकों से इस तरह के आतंकवादी अभियान का खामियाजा भुगत रहा है। 

उन्होंने आगे कहा कि यह अब तक जारी है। वहां विदेशी नागरिक भी इन आतंकी अभियानों के शिकार हुए हैं। मंत्रालय ने कहा कि जब अन्य देश किसी स्वार्थ या उदासीनता के कारण  ऐसे खतरों को नहीं पहचानते हैं तो वे इसे बढ़ावा तो देते ही हैं साथ ही शांति के कारण को भी कमजोर करते हैं। इतना ही नहीं वे आतंकवाद के पीड़ितों के साथ भी घोर अन्याय करते हैं। 

बर्लिन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने दिया ये बयान

गौरतलब है कि शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और उनकी जर्मनी के समकक्ष एनालेना बारबॉक ने राजधानी बर्लिन में एक साझा प्रेस कांफ्रेंस की थी। जिसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कश्मीर का राग अलापते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का पालन नहीं हो रहा है।

इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि जब तक जम्मू-कश्मीर विवाद का शांतिपूर्ण समाधान नहीं किया जाएगा तब तक दक्षिण एशिया में शांति की स्थापना होना  संभव नहीं है। बिलावल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून हर जगह लागू होना चाहिए। 

अपने जर्मनी के समकक्ष एनालेना बारबॉक के साथ पीसी करते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा कश्मीर मुद्दा उठाता रहेगा। हर जगह संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव का सम्मान होना चाहिए। 

शहबाज शरीफ ने यूएन में उठाया था कश्मीर मुद्दा

गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांति चाहते हैं। शहबाज शरीफ ने कहा कि मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि भारत इस संदेश को समझे कि दोनों देश एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। 

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा में उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा, 5 अगस्त 2019 को भारत ने एकतरफा और मनमाने ढंग से फैसला लेते हुए अनुच्छेद 370 के जरिये जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया। इसके कारण शांति की उम्मीदें धूमिल हुईं व क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ युद्ध कोई विकल्प नहीं है।

शरीफ ने कश्मीर राग आलापते हुए कहा, पाकिस्तान को अपने पड़ोस में स्थिर वातावरण चाहिए। हम अपने सभी पड़ोसियों से शांति चाहते हैं। हालांकि, दक्षिण एशिया में टिकाऊ शांति व स्थिरता के लिए जम्मू-कश्मीर समस्या का न्यायोचित समाधान जरूरी है। यह सही समय है कि भारत ये समझे कि दोनों देश पूरी तरह शस्त्र सज्जित हैं। सिर्फ शांतिपूर्ण बातचीत से ही इन समस्याओं का समाधान हो सकता है ताकि दुनिया भविष्य में और शांतिपूर्ण हो सके।

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