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दरभंगाबिहार

दरभंगा सदर ग्रामीण बाल विकास परियोजना की ओर से प्रतिमाह आंगनवाड़ी केंद्र से अवैध वसुली हो रही है

दरभंगा सदर ग्रामीण बाल विकास परियोजना की ओर से प्रतिमाह आंगनवाड़ी केंद्र से अवैध वसुली हो रही है…

दरभंगा सदर ग्रामीण बाल विकास परियोजना की ओर से प्रतिमाह आंगनवाड़ी केंद्र से अवैध वसुली हो रही है। यह वसूली पोषाहार अभिश्रव के नाम पर सीडीपीओ कार्यालय के संविदाकर्मी लिपिक ललन चौधरी द्वारा किया जा रहा है । लिपिक ललन चौधरी द्वारा अवैध वसूली से संबंधित एक ऑडियो इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वायरल ऑडियो मे लिपिक आंगनवाड़ी सेविका द्वारा महीने का पूरा पैसा नहीं देने के कारण रजिस्टर लौटा देने की बात स्वीकार कर रहे हैं। ऑडियो मे एक आंगनवाड़ी सेविका के पति लिपिक से फोन पर बात कर रहे हैं ।

सेविका पति लिपिक से पूछते है कि बड़ा बाबू रजिस्टर क्यों लौटा दिए। लिपिक ललन कहते हैं कि पिछला 200 रु बाकी था इसीलिए। फिर सेविका पति पूछते हैं हर महीना कितना पैसा लीजिएगा। जवाब दिया जाता है 12 सौ रुपया। फिर सेविका पति पूछते हैं सभी केंद्र से । तो लिपिक ललन कहते हैं हां सभी केंद्र से लिया जा रहा है।

सिर्फ आपसे ही नही। ऑडियो में आगे सुना जा सत्ता है कि लिपिक पिछले माह का बकाया 200 रुपया रखकर बाकी पैसा व रजिस्टर लौटा देने के बाद स्वीकारते हैं। बताया जाता है कि उक्त ऑडियो में सीडीपीओ कार्यालय के लिपिक ललन चौधरी बिजूली पंचायत के खरथुआ गांव के आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 118 की सेविका ललिता कुमारी के पति अर्जुन यादव से फोन पर बात कर रहे हैं। हालाकि बुलंद दुनिया इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।

सूत्रों अनुसार ग्रामीण बाल विकास परियोजना अंतर्गत 309 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित है। प्रत्येक आंगनवाड़ी केंद्रों को टी एच आर के रूप में प्रतिमाह 12 हजार 600 रू आंगनवाड़ी विकास समिति के खाते पर भेजा जाता है। आंगनवाड़ी सेविका उक्त राशि से पोषाहार खरीदती है। खरीदे गए पोषाहार की राशि से संबंधित क्रय अभिश्रव पंजी प्रतिमाह सीडीपीओ कार्यालय में लिपिक के पास सेविका जमा करती है। जिस पर सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका का हस्ताक्षर होना रहता है। आंगनवाड़ी केंद्रों द्वारा वास्तविक पोषाहार वितरण एवं बनाए गए क्रय पंजी राशि में गरबड़ी रहती है। इसी गरबड़ी के हिस्सेदारी के रूप में बाल विकास परियोजना कार्यालय सेविका से प्रतिमाह 1200 रूपया लिया जाता है।

इस राशि में लिपिक, महिला पर्यवेक्षिका एवं सीडीपीओ की हिस्सेदारी होती है। ऑडियो की सत्यता जानने के लिए सदर प्रभारी सीडीपीओ से फोन पर जानकारी लेने का प्रयास किया गया पर उनका मोबाइल पर बात नहीं हुई। वहीं सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार सौरव जो सदर प्रखंड के नोडल होते हैं तो उन से जानकारी ली गई वायलरऑडियो पर वही बीडीओ श्री सौरभ ने कहा कि अगर ऑडियो में बातचीत में अनियमितता पाई जाती है तो सीडीपीओ से बात करके लिपिक पर कार्यवाही की जाएगी।

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