महारानी कल्याणी महाविद्यालय में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस काउंटडाउन कार्यक्रम
दरभंगा :——
राष्ट्रीय सेवा योजना की महारानी कल्याणी महाविद्यालय, लहेरियासराय इकाई द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस काउंटडाउन कार्यक्रम का आयोजन पूरे हर्षोल्लास के साथ किया गया।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत योग संबंधी व्याख्यान, योग संबंधी क्विज प्रतियोगिता तथा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के स्वयंसेवक और स्वयंसेविकाओं ने बढ़- चढ़कर भाग लिया तथा इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया। कार्यक्रम की शुरुआत माननीय अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ ।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए इस कार्यक्रम के वक्ता डॉ दिवाकर नाथ झा ने कहा कि योग एक साधना है जिससे प्राप्त शक्ति से शरीर और मन में एक संतुलन स्थापित होता है और यही शक्ति मनुष्य को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाता है। सदियों पुरानी हमारी योग परंपरा वास्तव में मनुष्य जीवन के परमलक्ष्य तक जाने वाले मार्ग को प्रशस्त करता है जिससे मनुष्य अंततोगत्वा अपने जीवन के परम आनंद को प्राप्त करता है।
डॉ शम्शे आलम ने कहा कि हमारा शरीर मस्तिष्क, आत्मा और मन का एक पुंज है। हमारे ऋषि-मुनियों ने योग नामक एक ऐसी विधा का अविष्कार किया था जो मस्तिष्क, आत्मा और मन को जोड़ कर एक पुंज बनाता है। इस पुंज के जुड़ने पर ही मन नियंत्रित होता है और आत्मा में ईश्वर का निवास होता है। यदि हम सभी धर्मों के ध्यान,उपासना या नमाज अदा करने के तौर-तरीकों पर ध्यान दें तो हम पाते हैं कि सभी धर्मों में उपासना की जितनी भी विधाएं हैं वह सभी योग का ही एक रूप है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि धर्म कोई भी हो योग एक है, लक्ष्य एक है।
इस कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ सरोज चौधरी ने योग की महत्ता एवं उसका छात्रों पर प्रभाव विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वर्तमान वैश्वीकरण के युग में आज योग स्वस्थ एवं संतुलित जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह किसी धर्म या संप्रदाय से नहीं जुड़ा है बल्कि योग विरक्ति और समष्टि से जुड़ा है। वस्तुतः ध्यान ही योग है।
मानव की चित्त वृत्तियां अत्यंत चंचल होती है जो कि उसे नकारात्मक प्रवृति की ओर ज्यादा उन्मुख करती है ऐसी अवस्था में आज हम सभी के लिए यह आवश्यक हो गया है कि योग के द्वारा अपनी चित्त की वृत्तियों को नियंत्रित करके सकारात्मक प्रवृत्ति की ओर उन्मुख हो और न केवल अपने परिवार बल्कि समाज और राष्ट्र को भी स्वस्थ,सकारात्मक और संतुलित वातावरण बनाने की दिशा में अपना योगदान दें। योग पुरुषार्थ से संबंधित है लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि यह किसी पुरुष जाति विशेष से संबंधित है क्योंकि योग सर्वजन सुखाय, सर्वजन हिताय से संबंधित है।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ परवेज अख्तर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में योग की महत्ता और प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारा देश योग विधा का जनक रहा है।
21 जून को विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाया जाना वर्तमान समय में भी इसकी प्रासंगिकता और महत्ता को दर्शाता है। हम सभी को अपने दैनिक जीवन में योग को स्थान देना चाहिए ताकि हम निरोग रह सके तथा एक स्वस्थ समाज के निर्माण में हमारा जो दायित्व है उसका हम निर्वहन कर सके।
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस काउंटडाउन कार्यक्रम का 14 मई एवं 20 जून को सुनिश्चित किया जाना वास्तव में सराहनीय है।
हम सभी उनके इस दृढ़ संकल्प के साथ है। मुझे विश्वास है कि यह अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस काउंटडाउन कार्यक्रम देश में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा जिसका लाभ हमारे स्वयंसेवक और स्वयंसेविकायें ले पायेंगे और अपने जीवन के साथ- साथ समाज को भी सही दिशा में ले जाने में सक्षम हो पायेंगे।
इस कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ रीता कुमारी ने सफलतापूर्वक किया। योग संबंधी व्याख्यान कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ प्रियंका राय के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। योग संबंधी व्याख्यान कार्यक्रम के उपरांत योग संबंधी क्विज प्रतियोगिता तथा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
क्विज प्रतियोगिता में मोहम्मद अब्दुल्ला खान ने प्रथम स्थान, रविशंकर प्रसाद ने द्वितीय स्थान तथा जयकांत कुमार और राधिका शीतल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । योग संबंधित पोस्टर प्रतियोगिता में हर्ष राज झा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
उक्त प्रतियोगिताओं का संचालन डॉ सुनीता कुमारी, डॉ गीतांजलि चौधरी, डॉ श्वेता शशि तथा डॉ रीता कुमारी ने किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी भी उपस्थित रहे।
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