
जन सुराज अभियान हर उस व्यक्ति का दल होगा जो इसे मिलकर बनाएंगे और इसकी रूपरेखा भी वही तय करेंगे: प्रशांत किशोर…
सीवान में जन सुराज अभियान का मकसद समझाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज कोई राजनीतिक दल बनाकर चुनाव लड़ने का अभियान नहीं है।
यह एक सामाजिक प्रयास है, जिसके जरिए एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाई जाए। यह कोई सामाजिक आंदोलन नहीं है, इसका विशुद्ध राजनीतिक मकसद है। इसी क्रम में प्रशांत किशोर ने कहा कि दल बनेगा, लेकिन दल कोई एक व्यक्ति या प्रशांत किशोर का नहीं बनाएंगे, इस दल को बिहार के वो सारे लोग मिलकर बनाएंगे जो चाहते हैं कि एक नया दल बने।
प्रशांत किशोर ने कहा ये जो व्यवस्था हम लोग बना रहे हैं, इसमें सब का बराबर का अधिकार होना चाहिए। दल हर उस व्यक्ति का होना चाहिए इसे मिलकर बनाएगा, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि दल सारे लोग मिलकर बनाएं और वही लोग इसको आगे मिलकर चलाएं। वही लोग तय करें कि दल का नाम क्या होना चाहिए, दल का संविधान क्या होना चाहिए, दल की प्राथमिकता क्या होनी चाहिए या दल में पदाधिकारी किसको होना चाहिए और साथ ही दल में टिकट किस आधार पर दिया जाना चाहिए।

बिहार के पिछड़ेपन के लिए सभी को दोषी ठहराया
प्रशांत किशोर पहली बार सीतामढ़ी पहुंचे । सबसे पहले पुनौरा धाम पहुंच कर जगत जननी माता सीता की पूजा-अर्चना की। इसके बाद शहर के एक होटल में लोगों के साथ संवाद किया । फिर मीडिया से मुखातिब हुए। कहा कि बिहार विकास के तमाम मानदंडों पर देश के सबसे पिछड़े राज्यों में शामिल है ।
60 के दशक के बाद से ही बिहार पिछड़ता चला गया । बिहार की बदहाली के लिए किसी व्यक्ति या दल को दोषी नहीं ठहराया, बल्कि शासन करने वालों की सामूहिक विफलता बताई।
बिहार के समग्र विकास के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण विषय जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार आदि पर ब्लूप्रिंट जारी कर ठोस समाधान की बात कही।
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