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झारखंड

झारखंडः पारा शिक्षकों को सौगात, मिलेगा ये लाभ, आज होगा फैसला

झारखंडः पारा शिक्षकों को सौगात, मिलेगा ये लाभ, आज होगा फैसला


झारखंडः राज्य के 64 हजार पारा शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ मिलेगा। इसमें पारा शिक्षकों के मानदेय से छह फीसदी की राशि कटेगी और छह फीसदी राज्य सरकार देगी। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है। वित्त विभाग ने अपनी अनापत्ति दे दी है। अब इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अंतिम निर्णय लेना है। राज्य सरकार इस पर बुघवार को पारा शिक्षकों की सेवाशर्त नियमावली के प्रस्ताव के साथ मंजूरी दे सकती है। अगर सहमति नहीं मिली तो बजट सत्र में इसके प्रावधान किये जाएंगे और पारा शिक्षकों को इसका लाभ दिया जाएगा। ईपीएफ की सरकार मद की ओर से दी जाने वाली राशि मानदेय बढ़ोतरी के अतिरिक्त होगी।

सहायक अध्यापक कहलाएंगे

पारा शिक्षक एक जनवरी से सहायक अध्यापक कहलाएंगे। साथ ही, उनके मानदेय में भी 40 से 50 फीसदी बढ़तरी जनवरी से हो जाएगी। टेट पास पारा शिक्षकों का जहां 50 फीसदी, वहीं सिर्फ प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 40 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। ईपीएफ में 12 फीसदी राशि जमा की जाती है। इसमें कर्मचारी का छह फीसदी और जिस विभाग के कर्मचारी हैं वह छह फीसदी राशि देता है।

झारखंडः पारा शिक्षकों की सेवाशर्त नियमावली की मंजूरी के बाद राज्य के पारा शिक्षक एक जनवरी से सहायक अध्यापक कहलाएंगे। साथ ही, उनके मानदेय में भी बढ़तरी हो जाएगी। टेट पास पारा शिक्षकों का जहां 50 फीसदी, वहीं सिर्फ प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 40 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। ऐसे में पहली से पांचवीं में पढ़ाने वाले प्रशिक्षित पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) को 4800 रुपये का मानदेय बढ़ने के बाद 1008 रुपये ईपीएफ के लिए अंशदान के रूप में देना होगा। वहीं, छठी से आठवीं के सिर्फ प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को 1092 रुपये देने होंगे। इसके अलावा पहली से पांचवीं के टेट पास पारा शिक्षकों को 1260 रुपये और छठी से आठवीं के टेट पास पारा शिक्षकों को 1350 रुपये ईपीएफ में अंशदान के रूप में देने होंगे। इतनी ही राशि राज्य सरकार अपने मद से ईपीएफ में देगी।

झारखंडः 60 साल की स्थाई सेवा पर लगेगी मुह

कैबिनेट बैठक में बुधवार को पारा शिक्षकों के 60 साल की स्थाई सेवा पर मुहर लगेगी। इसके अलावा सिर्फ प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को 10 फीसदी मानदेय में बढ़ोतरी के लिए चार आकलन परीक्षाएं होंगी। सामान्य कोटि (40 प्रतिशत) व आरक्षित कोटि (35 प्रतिशत) अंक वाले इसके पात्र होंगे।

जबकि आरक्षित कोटि के पारा शिक्षकों को 35 फीसदी अंक लाना होगा। पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी होने के बाद अगले तीन महीने के अंदर आकलन परीक्षा होगी, जिसमें प्रशिक्षित पारा शिक्षक शामिल हो सकेंगे। जो पारा शिक्षक आकलन परीक्षाओं में पास नहीं कर सकेंगे, उन्हें सेवा से नहीं हटाया जाएगा।

राज्य सरकार के हो सकेंगे कर्मी

पारा शिक्षकों के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार 60 फीसदी राशि देती है। नई शिक्षा नीति के अनुसार मार्च 2022 के बाद पारा शिक्षक, नियोजित शिक्षक या अनुबंध पर शिक्षक नहीं होंगे। इस पर राज्य के पारा शिक्षकों के लिए केंद्र सरकार राशि नहीं देगी। ऐसे में राज्य सरकार को पारा शिक्षकों के मानदेय के मद की पूरी राशि वहन करनी होगी। इसका प्रावधान आगामी बजट में किया जाएगा।

सेवाशर्त नियमावली में भी इसकी चर्चा रहेगी कि केंद्र द्वारा राशि नहीं देने पर पारा शिक्षकों को हटाया नहीं जाएगा और उनकी राशि का वहन राज्य सरकार करेगी।

नया मानदेय और ईपीएफ में अंशदान

पहली से पांचवीं के सिर्फ प्रशिक्षित 16800 1008

छठी से आठवीं के सिर्फ प्रशिक्षित 18200 1092

पहली से पांचवीं के टेट पास 21000 1260

छठी से आठवीं के टेट पास 22500 1350

स्रोत: “हिन्दुस्तान News”


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