Jaipur: मकर संक्रांति की सुबह आकाश में पतंगों ने भरी उड़ान
Jaipur: मकर संक्रांति की सुबह आकाश में पतंगों ने भरी उड़ान, शाम को आतिशबाजी से उत्सव को खास बनाने की तैयारी
मकर संक्रांति के मौके पर शनिवार को राजधानी में पतंगबाजी परवान पर रही। इस दौरान डीजे के तेज आवाज म्यूजिक के साथ ही सुबह से देर शाम तक पतंगबाजी को शोर सुनाई दिया। शाम को आसमां में विशिंग लैंप छोड़े जाएंगे और दिवाली की तरह आतिशबाजी की जाएगी।
ठाकुरजी ने चांदी की चरखी से सोने की पतंग उड़ाई
शहर आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में ठाकुर जी ने चांदी की चरखी से सोने-चांदी की पतंग उड़ाई। रियासत काल के दौर की यह पतंग चरखी खास है। चरखी का वजन करीब 400 ग्राम है। जगमोहन में पतंगों से विशेष सजावट के साथ ही ठाकुर जी को तिल के पकवानों का भोग लगाया जाएगा। ज्योतिर्विद घनश्याम लाल स्वर्णकार ने बताया कि शुक्र, शनि और सूर्य के मकर राशि में रहने से संक्रांति पर त्रिग्रही योग बनेगा। शनि स्वराशि मकर और बृहस्पति स्वराशि मीन राशि में रहेंगे।
रात 8.45 बजे सूर्यदेव होंगे उत्तरायण
ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक लगभग एक महीने बाद सूर्यदेव हस्त नक्षत्र, रवियोग, द्विपुष्कर योग में शनिवार रात 8.45 बजे धनु राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इससे सूर्य की उत्तरायण की गति शुरू होने से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगेगी।
रविवार को होने से दिनभर दान-पुण्य का दौर जारी रहेगा। इस्कॉन, अक्षयपात्र, अक्षरधाम सहित अन्य योग में रविवार सुबह 7. 21 से दोपहर 12.45 बजे तक रहेगा। हालांकि, शनिवार दोपहर 2.21 बजे से दान-पुण्य किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बार संक्रांति का प्रवेश बाघ पर सवार होकर माली के घर में होगा। पांच साल बाद रविवार के दिन मकर संक्रांति का पुण्यकाल का संयोग बना है। वहीं, मकर संक्रांति देवताओं का प्रभातकाल है।
पतंगों से सजाई गई झांकी
मंदिरों में पतंगों की झांकी सजाई गई। 20 से अधिक स्थानों पर पतंग उत्सव के आयोजन हुए। इससे पूर्व शहरवासियों ने किशनपोल व हांड़ीपुरा (रामगंज) सहित अन्य बाजारों से पतंग मांझे के साथ ही तिल के व्यंजन व फीणी की खरीदारी की। वहीं, महिलाओं ने ‘कलपने के लिए सुहाग सामग्री सहित अन्य वस्तुएं खरीदीं।
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