CALL NOW 9999807927 & 7737437982
राष्ट्रीय

जानें आपके शहर में किस मुहूर्त में मनाई जाएगी जन्माष्टमी

जानें आपके शहर में किस मुहूर्त में मनाई जाएगी जन्माष्टमी

Shri Krishna Janmashtami 2022 Wishes, Shubh Muhurat, Puja Mantra: आज पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस बार जन्माष्टमी की तिथि को लेकर भी भ्रम की स्थिति थी। 19 अगस्त को मनाई जाने वाली जन्माष्टमी मथुरा और वृंदावन के आधार पर मनाई जा रही है। 

जन्माष्टमी पर गोपाल स्तुति से करें अपनी सभी मनोकामना पूर्ण

गोपाल स्तुति
नमो विश्वस्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।
विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः॥
नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे।
कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः॥

नमः कमलनेत्राय नमः कमलमालिने।
नमः कमलनाभाय कमलापतये नमः॥
बर्हापीडाभिरामाय रामायाकुण्ठमेधसे।
रमामानसहंसाय गोविन्दाय नमो नमः॥ 

कंसवशविनाशाय केशिचाणूरघातिने।
कालिन्दीकूललीलाय लोलकुण्डलधारिणे॥
वृषभध्वज-वन्द्याय पार्थसारथये नमः।
वेणुवादनशीलाय गोपालायाहिमर्दिने॥

बल्लवीवदनाम्भोजमालिने नृत्यशालिने।
नमः प्रणतपालाय श्रीकृष्णाय नमो नमः॥
नमः पापप्रणाशाय गोवर्धनधराय च।
पूतनाजीवितान्ताय तृणावर्तासुहारिणे॥

निष्कलाय विमोहाय शुद्धायाशुद्धवैरिणे।
अद्वितीयाय महते श्रीकृष्णाय नमो नमः॥
प्रसीद परमानन्द प्रसीद परमेश्वर।
आधि-व्याधि-भुजंगेन दष्ट मामुद्धर प्रभो॥

श्रीकृष्ण रुक्मिणीकान्त गोपीजनमनोहर।
संसारसागरे मग्नं मामुद्धर जगद्गुरो॥
केशव क्लेशहरण नारायण जनार्दन।
गोविन्द परमानन्द मां समुद्धर माधव॥
॥ इत्याथर्वणे गोपालतापिन्युपनिषदन्तर्गता गोपालस्तुति संपूर्णम॥

भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कुंडली है इस लग्न की 

भागवत पुराण के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। उस समय मध्य रात्रि का समय था और रोहिणी नक्षत्र था। मान्यता है इस आधार पर भगवान श्रीकृष्ण की कुंडली वृषभ लग्न की है। उस समय कान्हा के लग्न में चंद्रमा उच्च का था। कहते हैं यहीं कारण है कई श्री कृष्ण इसी कारण से सभी 64 कलाओं में निपुण थे। 

Best Engineering College
CLICK THE LINK TO APPLY ONLINE | ADVERTISEMENT

इस श्लोक में है श्री कृष्ण के जन्म का वर्णन 

श्री कृष्ण के जन्म का उल्लेख हमें भागवत पुराण में देखने को मिलेगा। भगवात पुराण में शुकदेव ने नीचे दिए गए श्लोक के माध्यम से उनके जन्म का वर्णन किया है। 
अथ सर्वगुणोपेत: काल: परमशोभन: ।
यर्ह्येवाजनजन्मक्षन शान्तर्क्षग्रहतारकम् ॥ 
दिश: प्रसेदुर्गगनं निर्मलोडुगणोदयम् ।
मही मङ्गलभूयिष्ठपुरग्रामव्रजाकरा ॥ 
नद्य: प्रसन्नसलिला ह्रदा जलरुहश्रिय: ।
द्विजालिकुलसन्नादस्तवका वनराजय: ॥ 

अर्थात,  जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ उस समय ऐसा महसूस हुआ जैसे कि शुभ गुणों से युक्त शुभ काल आ गया है। कृष्ण के जन्म के सामी रोहिणी नक्षत्र था। आकाश के सभी नक्षत्र, ग्रह और तारे शांत हो गए। सभी दिशाएं स्वच्छ और प्रसन्न थी। आकाश में तारे जगमगा रहे थे। रात में भी सरोवरों में कमल खिल रहे थे। जंगलों में पत्तियां रंग बिरंगे फूलों से लद गई थीं। 

कोलकाता इस्कॉन में भी दिखी जन्माष्टमी की धूम

पूरे भारत वर्ष के विभिन्न इस्कॉन मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम देखने को मिल रही है। इस्कॉन में श्रीकृष्ण के भक्त पूरे हर्षोल्लास से नाच गाकर उनके जन्मोत्सव को मना रहे हैं। पश्चिम बंगाल में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल। जन्माष्टमी का त्योहार मनाने के लिए लोग कोलकाता के इस्कॉन मंदिर में एकत्रित हुए। देखें वीडियो-

Previous Post : राजू श्रीवास्तव की हालत नाजुक, फैंस-सेलेब्स कर रहे दुआ, बोले- बस थोड़ा सा जोर और लगा दो भाई...


For More Updates Visit Our Facebook Page

Also Visit Our Telegram Channel | Follow us on Instagram | Also Visit Our YouTube Channel

जानें आपके शहर में किस मुहूर्त में मनाई जाएगी जन्माष्टमी

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button