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मठ/मंदिरों की जमीन को लेकर माननीय मंत्री ने की बैठक

मठ/मंदिरों के मिले 5,533 एकड़ जमीन


मठ/मंदिरों की जमीन को लेकर माननीय मंत्री ने की बैठक | गन्ना की खेती के लिए मिलेगा अनुदान : गन्ना मंत्री

दरभंगा। 11 फरवरी 2022 :- माननीय मंत्री, विधि व गन्ना विभाग, बिहार सरकार श्री प्रमोद कुमार की अध्यक्षता में आयुक्त सभागार, दरभंगा प्रमण्डल, दरभंगा में माननीय नगर विधायक श्री संजय सरावगी, आयुक्त, दरभंगा प्रमण्डल, दरभंगा श्री मनीष कुमार की उपस्थिति में जिले के मठ/ मंदिरों की पंजीकृत एवं गैर-पंजीकृत भूमि की खोज के लिए विगत बैठक।

09 अगस्त 2021 को माननीय मंत्री, विधि व गन्ना विभाग द्वारा दिये गये निर्देश के आलोक में दरभंगा, समस्तीपुर एवं मधुबनी जिला के 5533.33 एकड़ जमीन की खोज राजस्व विभाग के पदाधिकारियों द्वारा विगत चार माह में की गयी है, जिसमें दरभंगा के 76 पंजीकृत मठ/मंदिरों/धार्मिक न्यास की 489.91 एकड़ एवं 494 गैर पंजीकृत मठ/मंदिरों/धार्मिक न्यास की 869.66 एकड़ कुल – 1359.57 एकड़ जमीन की खोज की गयी।

मधुबनी जिला के 156 मठ/मंदिरों के नाम पंजीकृत 2376.5 एकड़ एवं 07 मठ/मंदिरों के गैर पंजीकृत 9.15 एकड़ कुल – 2385.18 एकड़ जमीन की खोज की गयी है। वहीं समस्तीपुर जिला के 168  मठ/मंदिरों के पंजीकृत 1301.35 एकड़ एवं 90  मठ/मंदिरों के गैर पंजीकृत 487.23 एकड़ कुल – 1788.58 एकड़ जमीन की खोज की गयी है।

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मठ/मंदिरों/धार्मिक न्यास की गैर पंजीकृत जमीनों को उनके इष्ट देव, जिनके लिए मंदिर/मठ की स्थापना की गयी है, के नाम पर पंजीकृत कर जमाबंदी कराने एवं बिहार राज्य धार्मिक न्यास पार्षद, पटना की सूची में शामिल करवाने हेतु प्रतिवेदित करने का निर्देश दरभंगा प्रमंडल के संबंधित अंचलाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्त्ता एवं अपर समाहर्त्ता को दिया गया।

बैठक में माननीय मंत्री ने माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा मठ/मंदिरों/धार्मिक न्यास की जमीनों के लिए दिये गये निर्णय की प्रति दिखलाते हुए कहा कि किसी भी मठ,मंदिर व इष्ट देव की जमीन उस  मठ,मंदिर व इष्ट देव के नाम से ही पंजीकृत होगी, न कि किसी पुजारी या सेवादार के नाम से। यदि कहीं ऐसा किया गया है, तो वह बिल्कुल गलत है।

संबंधित मठ/मंदिर/धार्मिक न्यास की भूमि के सेवादार या पुजारी उस संपत्ति का हक़दार नहीं हो सकता, यदि कहीं इस तरह के मामलें हैं, तो उन सबों में संबंधित जमीन की जमाबंदी रद्द करने की कार्रवाई करते हुए उस जमीन की जमाबंदी उस मठ/मंदिर के इष्ट देव के नाम से किया जाए। यदि किसी ने उस मठ/मंदिर की भूमि को बेचा गया है या किसी ने क्रय किया है, तो बेचने और खरीदने वाला दोनों दोषी हैं। सेवादार कभी भी मालिक नहीं हो सकता।

साथ ही बिहार राज्य धार्मिक न्यास पार्षद को उन सभी मठ/मंदिरों की जमीन को पंजीकृत करने के लिए एवं वहाँ उस मंदिर के नाम धार्मिक न्यास समिति का गठन करने हेतु 11 सदस्यों के नाम प्रस्तावित करने का निर्देश संबंधित पदाधिकारी को दिए।

बैठक में बिहार राज्य धार्मिक न्यास पार्षद के अध्यक्ष श्री अखिलेश कुमार जैन ऑनलाईन उपस्थित थे। उन्होंने भी इस तथ्य की सम्पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अब तक मठ एवं मंदिर व धार्मिक न्यास की जमीन पुजारी/महंथ के नाम करा लिया जाता था और जिसे बेचा भी जा रहा था।

माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि वैसी जमीन का असली मालिक मठ,मंदिर व वहाँ स्थापित इष्ट देव हैं, न कि वहां के पुजारी या सेवादार। सेवादार कभी हकदार नहीं होता है।

माननीय मंत्री ने कहा कि ये सभी राष्ट्रीय संपत्ति हैं,इनमें स्कूल, कॉलेज, अस्पताल खुलेंगे और इसका संरक्षण एवं सम्बर्द्धन करना सभी संबंधित पदाधिकारियों की जिम्मेवारी है।

बैठक को सम्बोधित करते हुए गन्ना विभाग के सचिव एन. श्रवण कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री गन्ना विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत गन्ना उत्पादन के लिए सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए चीनी मिलों में टीसू कल्चर लैब को विकसति करवाया जा रहा है।

उन्नत किस्म के गन्ना बीज को अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रति क्विंटल गन्ना बीज पर 210 रूपये अनुदान दे रही है। एस.सी./एस.टी के लिए यह दर 240 रूपये प्रति क्विंटल है। कीट नाशक दवा 50 प्रतिशत अनुदानित दर पर गन्ना किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। यहाँ तक की खेत से चीनी मिल तक गन्ना ले जाने के लिए किसानों को गाड़ी का भाड़ा भी सरकार मुहैय्या करा रही है, ताकि गन्ना उद्योग का अधिक से अधिक विकास हो सके।

किसानों को गन्ने की खेती की जानकारी के लिए फरवरी माह में प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन कर प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को आने जाने के लिए एक सौ रुपए डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में उपलब्ध कराया जाएगा।

माननीय मंत्री ने कहा कि सरकार बिहार में गन्ना उद्योग को विकसित करना चाहती है। चीनी मिल से चीनी व एथनोल का निर्माण होगा। स्थानीय स्तर पर गुड़ एवं खण्डसारी बनेगा। किसानों की आय बढ़ेगी। इससे बिहार का विकास होगा। सकरी, रैयाम एवं लोहट चीनी मिल के पुराने कर्मचारियों के बकाए वेतन का भुगतान भी सरकार करवा रही है।

बैठक में आयुक्त महोदय ने दरभंगा प्रमंडल के राजस्व विभाग के सभी पदाधिकारियों को मठ/मंदिरों की गैर पंजीकृत जमीन को पंजीकृत कराते हुए 03 महीने के अन्दर पैमाइश कर सीमांकन कराने के निर्देश दिये।

बैठक में प्रभारी जिलाधिकारी, दरभंगा तनय सुल्तानिया, आयुक्त के सचिव देवेन्द्र प्रसाद तिवारी, अपर समाहर्त्ता विभूति रंजन चौधरी, उप निदेशक, गन्ना, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता एवं सभी भूमि सुधार उप समाहर्त्ता उपस्थित थे। वहीं समस्तीपुर तथा मधुबनी के अपर समाहर्त्ता एवं अन्य संबंधित पदाधिकारीगण ऑनलाईन उपस्थित थे।

उप निदेशक, जन सम्पर्क,
दरभंगा प्रमण्डल, दरभंगा।


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