
दरभंगा! विभागीय अधिकारी के कार्य करने की शैली से कई योजनाएं लंबित है…
संबंधित विभाग से बिना अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लिए पंचायत समिति सदस्य ने मनरेगा भवन में मरम्मती का कार्य करा दिया।
यह मामला सदर प्रखंड के छोटाईपट्टी पंचायत का है जहां मनरेगा भवन का मरम्मती का कार्य बिना एनओसी लिए ही पंचायत समिति सदस्य सुधीर कुमार सिंह ने विभागीय मिलीभगत से योजना पूर्ण करा लिया गया।
जबकि मनरेगा भवन कुछ साल पहले ही बना था। 2022- 23 में पंचायती राज विभाग मद षष्ठम राज्य वित्त आयोग योजना के तहत पंचायत समिति सदस्य सुधीर कुमार सिंह के द्वारा मनरेगा कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए नहीं और प्रखंड के अधिकारी के साथ मिलकर मनरेगा भवन का मरम्मती कर दिया जबकि इस मामले पर सदर पीओ शाहनवाज रहमत ने बताया कि कुछ साल पहले ही छोटाईपट्टी पंचायत में मनरेगा भवन का निर्माण हुआ था।


मरम्मती का कोई जरूरत नहीं था जिसको लेकर एनओसी नहीं देने के बावजूद भी मरम्मती का कार्य कर दिया है। यह कार्य कैसे हुआ इसका जानकारी मुझे नहीं है।
वही बीडीओ विजय कुमार सौरव ने बताया कि मनरेगा भवन को लेकर जानकारी प्राप्त हुआ था कि बिना एनओसी के ही कार्य कर दिया है जो करीब सात लाख की लागत से योजना था पर बोर्ड पर राशि निर्धारित नहीं था।
जिसको लेकर बीपीआरओ को योजना की राशि रोकने के लिए पत्र भेजा गया है। वही सदर बीपीआरओ भारत भूषण गुप्ता ने बताया कि पंचायत के कार्य में पीओ को कोई लेना देना नहीं है। यह कार्य प्रस्ताव पारित करके किया गया है।
बाकी जानकारी हमें नहीं है सदर प्रखंड प्रमुख को ज्यादा जानकारी है वह बता सकते हैं।
जबकि मरम्मती का कार्य में काफी अनियमितता देखने को मिल रहा है। पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि प्रखंड के पदाधिकारी और पंचायत समिति सदस्य के मिलीभगत से बिना एनओसी के ही मनरेगा भवन का मरम्मती का कार्य किया गया है बोर्ड तो लगाया पर राशि निर्धारित नहीं है।
यही नहीं पंचायत समिति के मनमानी से कई सरकारी योजनाओं के कार्य में एस्टीमेट बोर्ड नहीं लगाया है जिससे यह मालूम होता है कि समिति द्वारा जो भी कार्य किया जाता है उसमे भारी अनियमितता उजागर हो सकती है अगर विभागीय द्वारा सही तरीका से जांच किया गया तो।
अब यह देखना है कि विभाग एवं जनप्रतिनिधि के द्वारा कितना लीपापोती किया जाता है इस मामले पर।