मुस्लिम युवाओं में जहर भरता था जाकिर नाइक, सरकार ने उसकी संस्था IRF पर लगाया 5 साल का बैन

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने मुस्लिम कट्टरपंथी धर्मगुरू जाकिर नाइक (Zakir naik) की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन ( Islamic research foundation) पर अगले पांच साल के लिए बैन लगा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जाकिर नाइक की संस्था को अवैध बताते हुए कहा है कि जाकिर नाइक मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ओर ले जाने के लिए प्रेरित करता था. वह घोषित तथा ज्ञात आतंकवादियों की प्रशंसा कर मुस्लिम युवाओं के उनकी राह पर चलने की प्रेरणा देता था. इसलिए भारत में उनकी संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को प्रतिबंधित किया जाता है. गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी किया है.

केंद्र सरकार ने पिछले साल ही जाकिर नाइक की आईआरएफ को गैरकानूनी संगठन घोषित करने का फैसला लिया था. गृह मंत्रालय ने बुधवार को जारी इस अधिसूचना में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) को गैरकानूनी घोषित कर दिया है. अधिसूचना में कहा गया है कि जाकिर नाइक की संस्था पर 5 साल तक फिलहाल प्रतिबंध लगाने के निर्णय लिया गया है.
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आतंकवादियों का गुनगान कर युवाओं को उस ओर प्रेरित करते थे
मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि जाकिर नाइक अपने भाषों में आतंकवादियों का गुणगान किया करते थे. इसके अलावा आतंकवादियों का महिमामंडन करते थे जिससे मुस्लिम युवा आतंकवादियों की ओर प्रेरित होते थे और उसके बारे में ज्यादा जानने की कोशिश करते थे. जाकिर नाइक दावा करते थे कि हर मुसलमान को आतंकवादी हौना चाहिए. जाकिर नाइक आतंकवादी विस्फोटों को जायज मानते थे और उससे संबंधित कुतर्क को रचकर युवाओं के सामने पेश करते थे. यही कारण है कि मुस्लिम युवा आतंकवाद से सहानुभूति रखने लगे. अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि गुजरात, कर्नाटक, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र और ओडिशा में आईआरएफ, उसके सदस्यों और सहानुभूति रखने वालों की गैरकानूनी गतिविधियां देखी गईं.
दूसरे धर्मों को अपमान करना सिखाता था
इतना ही नहीं जाकिर नाइक युवाओं के जबरन इस्लाम धर्म में परिवर्तन को जायज मानते थे. अधिसूचना में आगे कहा गया है कि जाकिर नाइक की संस्था युवाओं के इस्लाम में जबरन धर्मांतरण को भी बढ़ावा दे रहा है. वह आत्मघाती बम विस्फोटों को सही ठहराता है और हिंदुओं, हिंदू देवताओं और अन्य धर्मों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करता है. यह दूसरे धर्म के खिलाफ अपमानजनक हैं. अधिसूचना में कहा गया है कि जाकिर नाइक की संस्था धन जुटाने के लिए खाड़ी देशों की ओर रुख करती थी. इसके लिए जाकिर नाइक खुद खाड़ी देशों की यात्रा करते थे. उसने खाड़ी देशों में कई एनजीओ, शेल और ट्रस्ट खोले हैं. इन सभी का उद्येशय मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलना का था.
source : news18.com
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