बजट में राष्ट्रीय आपदा बन चुकी बेरोज़गारी को लेकर हुए अनदेखी
बजट में राष्ट्रीय आपदा बन चुकी बेरोज़गारी को लेकर हुए अनदेखी
बजट प्रतिक्रिया
1 फरवरी 2022
• रोज़गार देना न सरकार की नीयत में, न नीति में: अनुपम
• युवाओं के लिए आम बजट दुर्भाग्यपूर्ण: अनुपम
बजट में राष्ट्रीय आपदा बन चुकी बेरोज़गारी को लेकर हुए अनदेखी पर युवा नेता अनुपम ने मोदी सरकार पर करारा प्रहार किया है। बेरोज़गारी के मुद्दे को राष्ट्रीय बहस में लाने वाले ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम ने कहा कि जब सरकार की नीयत ही नहीं है तो भला नीति कैसे होगी। रोज़गार देना सरकार की नीति में इसलिए नहीं है क्योंकि ये लोग बेरोज़गारों की एक ऐसी फौज बनाना चाहते हैं जो जाति धर्म में अंधे होकर इनकी राजनीति का चारा बन सके, रैलियों की भीड़ बन सके। तभी तो बजट में नौकरियों को लेकर कुछ भी ठोस नहीं है, वो भी तब जब बेरोज़गारी राष्ट्रीय आपदा का रूप ले चुकी है और देश में आंदोलन चल रहा।
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अनुपम ने कहा कि सरकार यदि थोड़ी भी गंभीर होती तो कम से कम यह स्वीकारती कि बेरोज़गारी आज एक भीषण संकट है। लेकिन समाधान निकालने के उपाय करना तो दूर की बात, मोदी सरकार समस्या को स्वीकार करने को भी तैयार नहीं। शहरी रोज़गार कानून जैसी कोई बात करना तो दूर, कोरोना में ढाल का काम करने वाले मनरेगा के बजट को भी कम कर दिया गया। ‘मॉडल एग्जाम कोड’ की हमारी मांग पर भी सरकार का ध्यान नहीं दिखा जिससे लाखों रिक्त सरकारी पदों को समयबद्ध ढंग से भरा जा सकता था। वित्त मंत्री जी ने आत्मनिर्भर योजना और ‘मेक इन इंडिया’ के नाम पर रोज़गार की कुछ घोषणाएं तो की लेकिन बिना ठोस कार्ययोजना के इनका मतलब नहीं।
अनुपम ने मोदी सरकार के आम बजट को युवाओं के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यदि सरकार का ऐसा ही रवैय्या रहा तो रोज़गार के लिए देश में बड़ा आंदोलन होगा।
Note : अनुपम जी हल्लाबोल संगठन के एक सामाजिक कार्यकर्ता है यह इनकी पूरी तरह से निजी राय हैं आज पेश की गई बजट के ऊपर
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