‘नरेगा संघर्ष मोर्चा’ को मिला युवा नेता अनुपम का साथ…
मनरेगा का बजट घटाकर ‘मोडानीकरण’ की नीति में पैसा लगाना चाहती है सरकार: अनुपम.
धरने के 37वें दिन अनुपम ने जंतर मंतर पहुँचकर मजदूर युवा एकता का नारा लगाया.
दिल्ली के जंतर मंतर पर चल रहे मनरेगाकर्मियों के धरने को ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम का साथ मिला। लगातार 100 दिन चलने वाले इस धरने का यह 37वां दिन था जब अनुपम ने पहुँचकर समर्थन व्यक्त करते हुए मजदूर युवा एकता का नारा लगाया।
इस मौके पर अनुपम ने कहा कि ग्रामीण भारत में रोज़गार की गारंटी देने वाली योजना को सुनियोजित ढंग से ठप किया जा रहा है। इसके लिए बड़े पैमाने पर बजट घटाने से लेकर मोबाइल एप्प से पेमेंट जैसी व्यवस्था लायी जा रही है। आज जब ग्रामीण से लेकर शहरी भारत में रोज़गार गारंटी की ज़रूरत है तब यह सरकार मनरेगा को चौपट करने में जुटी है।
अनुपम ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वक़्त आ गया है कि हर अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष किया जाए। रोज़गार के लिए चल रहे उनके युवा आंदोलन का समर्थन की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय में स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा आंदोलन हो सकता है।
नरेगा संघर्ष मोर्चा के धरने में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अर्जुन मिश्रा, राष्ट्रीय महासचिव प्रशांत कमल, राष्ट्रीय महासचिव रजत यादव समेत ‘युवा हल्ला बोल’ के कई नेता शामिल हुए। जंतर मंतर पर चल रहे इस धरने का नेतृत्व जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने किया।
सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महासचिव प्रशांत कमल ने कहा कि जिस देश की करोड़ों की आबादी मेहनत करने के लिए तैयार हो लेकिन उसे काम के लिए सड़कों पर संघर्ष करना पड़े इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि अब देश के युवा और देश के मजदूरों की लड़ाई साझी है।
सरकार को इस चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए नहीं तो अगर पंद्रह करोड़ मनरेगा मजदूर एक हो गए तो सत्ता को उखाड़ फेंकेगी। राष्ट्रीय महासचिव रजत यादव ने सभा ने कहा कि देश की सत्तर प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और वर्तमान सरकार ग्रामीण मजदूरों को ही सता रही है ऐसे में देश का प्रगति संभव नहीं हैं। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अर्जुन मिश्रा ने सभा को आश्वासन देते हुए कहा कि जब तक आपका ये धरना चलेगा युवा हल्लाबोल का कोई न कोई पदाधिकारी यहां आता रहेगा।