महाराज रामेश्वर सिंह की चिता पर स्थापित मां श्यामा माई मन्दिर परिसर में पूजा के दौरान होने वाले बलि प्रथा को रोकने का आदेश दिया गया है…
पूर्व सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि दरभंगा में महाराज रामेश्वर सिंह की चिता पर स्थापित मां श्यामा माई मन्दिर परिसर में पूजा के दौरान होने वाले बलि प्रथा को रोकने का आदेश दिया गया है। इसको लेकर बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने दरभंगा के डीएम को निर्देश दिया है। इस पहल के बाद दरभंगा के पूर्व सांसद कीर्ति झा आज़ाद ने आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने कहा यहां तांत्रिक पद्धति से मां की पूजा होती है।
चिता भूमि होने के बावजूद यहां शादी ब्याह जैसे संस्कार भी होते हैं। शक्तिपीठ की तर्ज पर लंबे समय से यहां बलि प्रदान करने की परंपरा है। श्री आज़ाद ने कहा कि मां श्यामा मंदिर परिसर में हजारों वर्षों से चली आ रही पूजन परंपरा से छेड़छाड़ करना धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है।
भारतीय धर्मपरायण लोगों के संवैधानिक अधिकारों से छेड़छाड़ का अधिकार किसी को नहीं है। इस संदर्भ में 1947 से पूर्व से जो पूजन परंपरा चली आ रही है उसमे छेड़छाड़ 1991 अधिनियम का उल्लंघन है।
बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अधिनियम ,1951 के किसी धारा या उपबंद में न्यास समिति को उस मंदिर का धार्मिक परम्परा में हस्तक्षेप विधि-निषेध जारी करने का अधिकार नहीं दिया गया है । इसमें धार्मिक न्यास द्वारा छेड़छाड़ करना सनातन पर हमला है। इसे हम आम जन कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
श्री आज़ाद ने कहा कि अखिलेश जैन को तुरंत धार्मिक न्यास से हटाया जाए । जैन पर सनातन धर्म का ज्ञान नहीं होने का आरोप लगाते हुए कीर्ति आज़ाद ने कहा कि जो सनातन धर्म का है ही नहीं, वो भला सनातन धर्म की पूजा पद्धति को क्या जान पाएगा।