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पंजाब-उत्तराखंड-मणिपुर में डबल, UP में घटीं महिला MLA:आबादी में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा, पर आधी आबादी को चुनने में पीछे, गोवा भी फिसड्डी

पंजाब-उत्तराखंड-मणिपुर : पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भाजपा तो पंजाब में आम आदमी पार्टी को जीत मिली है। इस जीत में महिलाएं भी बड़ी शक्ति बनकर उभरी हैं। पांच राज्यों में इस बार कुल 61 महिलाएं विधानसभा पहुंची हैं।

उत्तराखंड में राज्य निर्माण और मणिपुर में आजादी के बाद से अब तक की सबसे बड़ी संख्या में महिला विधायक चुनी गई हैं।

हालांकि पहले के मुकाबले स्थिति थोड़ी ठीक होने के बाद भी इन आंकड़ों को संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है। जेंडर इक्वैलिटी के मामले में चैंपियन माने जाने वाले गोवा की स्थिति तो सबसे खराब है।

तो आइए देखते हैं इस चुनाव में विधानसभाओं में महिलाओं की स्थिति क्या है और आजादी के बाद उन्हें कब, कितना प्रतिनिधित्व मिला है-

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उत्तर प्रदेश में इस बार कम हो गईं महिला MLA

देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में महिलाएं शुरू से राजनीति में सक्रिय रही हैं। यहीं से देश की पहली महिला मुख्यमंत्री चुनी गईं। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री भी उत्तर प्रदेश से ही सांसद बनी थीं।

इस बार विधानसभा चुनाव में कुल 33 महिला विधायक चुनी गई हैं। इनमें से 25 भाजपा गठबंधन, 7 सपा गठबंधन और 1 कांग्रेस से चुनकर आई हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड संख्या में 41 महिला विधायक चुनकर आई थीं। इस बार उनकी संख्या कम हो गई है।

यूपी की विधानसभा में पिछले पांच चुनावों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कुछ ऐसा रहा है-

पंजाब में दोगुनी हो गईं महिला विधायक

पंजाब में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का रिकाॅर्ड पिछली बार से बेहतर हुआ है, लेकिन फिर भी इसे बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता। 117 सदस्यों वाली पंजाब विधानसभा में इस बार 13 महिलाएं चुनकर आई हैं। इनमें से 11 आम आदमी पार्टी से हैं। 2017 में ये संख्या केवल 6 थी।

1951 से 2017 तक पंजाब में कुल 1799 पुरुष विधायक बने तो केवल 89 महिलाएं ही विधानसभा पहुंचीं।

उत्तराखंड में रिकॉर्ड नंबर में जीतीं महिला नेता

उत्तराखंड में इस बार रिकॉर्ड संख्या में 8 महिला विधायक चुनी गई हैं। बावजूद इसके ये आंकड़ा बमुश्किल 10% है। आज तक उत्तराखंड विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या दोहरे अंक में नहीं गई है। 2000 में उत्तर प्रदेश से कटकर अलग राज्य बनने के बाद 22 सालों में विधानसभा में महिलाओं की हिस्सेदारी इस तरह से रही-

उत्तराखंड की यमकेश्नर सीट, जहां से अब तक केवल महिलाएं ही जीतीं

गढ़वाल मंडल के पहाड़ी इलाके पौड़ी गढ़वाल की यमकेश्नर विधानसभा ऐसी सीट है जहां से अब तक केवल महिलाएं ही चुनकर आईं। इस बार भी भाजपा की रेणु बिष्ट ने कांग्रेस के शैलेंद्र सिंह रावत को हराकर इस सीट पर महिलाओं की बादशाहत बरकरार रखी है।

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गोवा में तीन महिला विधानसभा पहुंचीं

गोवा जेंडर इक्वैलिटी के बाकी मानकों पर बेहतर होते हुए भी महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के मामले में पीछे रह गया। 40 सदस्यों वाली गोवा विधानसभा में इस बार केवल 3 महिलाएं चुनकर आईं। इस मामले में गोवा का रिकाॅर्ड शुरू से कमजोर रहा है। 1972 और 1980 में ऐसा भी हुआ, जब विधानसभा में एक भी महिला विधायक नहीं थीं। 1994 में यहां 4 महिला विधायक चुनी गई थीं। जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। गोवा में ज्यादातर 1 या 2 महिला विधायक ही चुनी जाती रही हैं।

मणिपुर में रिकॉर्ड संख्या में जीतीं महिला

मणिपुर का जनजातीय समाज मातृसत्तात्मक रहा है। फिर भी यहां की विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी कम रहती है। इस बार 60 सदस्यों वाले मणिपुर विधानसभा में 4 महिलाएं चुनकर आई हैं। जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। 2017 में यहां केवल 2 महिलाएं ही विधानसभा पहुंची थीं। मणिपुर के वोटर्स में महिलाएं 52% हैं, लेकिन विधानसभा में आज तक वो 10% के आंकड़े को भी नहीं छू पाई हैं।

source : bhaskar.com


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