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Pariksha pe Charcha: एग्जाम प्रेशर पर बोले पीएम- हम पर चुनाव में दबाव बनाया जाता है

Pariksha pe Charcha: एग्जाम प्रेशर पर बोले पीएम- हम पर चुनाव में दबाव बनाया जाता है, क्रिकेट के उदाहरण से समझाया कैसे करें इसे दूर

Pariksha pe Charcha 2023: आने वाले बोर्ड एग्जाम्स से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्टूडेंट्स, टीचर्स और पेरेंट्स के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा’ पर की। राजधानी नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हुए इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में छात्र जमा हुए। कार्यक्रम में एग्जाम प्रेशर, टाइम मैनेजमेंट, स्मार्ट वर्क और हार्ड वर्क के अलावा बच्चों के तमाम सवालों का पीए नरेंद्र मोदी ने रोचक अंदाज में जवाब दिया।

कार्यक्रम में बोर्ड एग्जाम से जुड़े प्रेशर से संबंधित सवालों के जवाब में पीएम मोदी ने चुनाव और क्रिकेट से जोड़ते हुए कहा कि क्रिकेट में गुगली बॉल होती है। मुझे लगता है कि आप पहली ही बॉल में मुझे आउट करना चाहते हैं। परिवार के लोगों को आपसे अपेक्षाएं होना बहुत स्वभाविक है, उसमें कुछ गलत नहीं है।

अगर परिवार के लोग अपेक्षाएं सोशल स्टेटस के कारण कर रहे हैं तो यह चिंता का विषय है। परिवार के लोगों को लगता है कि जब सोसायटी में जाएंगे तो बच्चों के बारे में क्या बताएंगे। कभी-कभी मां-बाप भी आपकी क्षमताओं को जानने के बाद भी अपने दोस्तों से अपने बच्चों के बारे में बहुत बड़ी-बड़ी बातें बताते हैं और घर में आकर भी वही अपेक्षाएं करने लगते हैं।

आप अच्छा करेंगे तो भी हर कोई आपसे अच्छी अपेक्षा करेगा। हम तो राजनीति में हैं कितने भी चुनाव जीत लें तो भी हमपर दबाव बनाया जाता है, हर चुनाव में बनाया जाता है। पलभर सोचिए जो चारों तरफ से कहा जाता है उसपर ही सोचेंगे या खुद के भीतर भी देखेंगे। आपने क्रिकेट मैच देखा होगा।

बैट्समैन के आते ही लोग स्टेडियम में चौका, छक्का चिल्लाने लगता है लेकिन खिलाड़ी का ध्यान बॉल पर ही होता है और बॉल के हिसाब से खेलता है। आप भी अपनी एक्टिविटी पर फोक्स रहते हैं तो जो भी दबाव आपके ऊपर बनता है तो आप उससे बाहर आ जाएंगे। कभी-कभी दबाव का विश्लेषण करते हैं, कभी-कभी अपेक्षाएं बड़ी ताकत बन जाती हैं। इसलिए अपनी क्षमताओं से कम भी खुद को आंकना नहीं चाहिए।

Exam Time Management के जुड़े सवाल पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों से मां से सीखने को कहा। उन्होंने कहा कि छात्रों को मां की गतिविधियों से सीखना चाहिए। जैसे ही आप स्कूल से आते हो सब रेडी मिलता है। स्कूल जाते समय सब रेडी मिलता है। मां का टाइम मैनेजमेंट कभी महसूस किया है।

उन्हें सब पता है, वो आएगा तो क्या करेगा। मां करती रहती है। उन्हें मालूम है कि उन्हें इतने घंटे में यह करना है। एक्स्ट्रा टाइम में कुछ न कुछ करती है। अगर मां की गतिविधि पर ध्यान दोगे तो भी आप टाइम मैनेजमेंट पर काम कर सकोगे।

इसके अलावा उन्होंने टाइम मैनेजमेंट के सवाल पर कहा कि सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं वैसे भी जीवन में हमे समय के प्रबंधन के प्रति जागरूक रहना चाहिए। काम का ढेर इसलिए हो जाता है क्योंकि समय पर उसे नहीं किया। काम करने की कभी थकान नहीं होती, काम करने से संतोष होता है। काम ना करने से थकान होती है कि इतना काम बचा है।

Cheatings in Exam पर दिया यह जवाब

Cheating से संबंधित सवाल पर पीएम ने कहा कि लोग चोरी तो पहले भी करते होंगे लेकिन अब तो बड़े गर्व से कहते हैं सुपरवाइजर को बुद्धू बना दिया। ये जो मुल्यों में बदलाव है, सामाजिक सच पर हम सबको सोचना होगा। ट्यूशन टीचर्स को भी सोचना होगा। ऐसे भी टीचर होते हैं तो बच्चों को नकल करने पर गाइड करते हैं। कुछ छात्र नकल करने के तरीके खोजने में भी बड़े क्रिएटिव होते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स बड़े क्रिएटिव होते हैं। इसी समय को ये बच्चे सीखने में लगा देते तो शायद अच्छा करते।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बात भी समझनी चाहिए कि समय बदल चुका है। आज डगर-डगर परीक्षाएं देनी होती हैं। नकल करने वाला आज तो निकल जाएगा लेकिन जिंदगी कभी पार नहीं कर पाएगा। नकल से जिंदगी नहीं बन सकती है। उन्होंने कहा कि जो बच्चे मेहनत करते हैं, उनसे कोई दो-चार नंबर ज्यादा ले आएगा वो कभी आगे नहीं जा पाएगा। हमें शार्ट कट की तरफ नहीं जाना चाहिए। आप शर्ट कट से खुद को मुक्त रखिए, आपको अच्छा परिणाम मिलेगा।

Smart Work और Hard Work में क्या बेहतर?

कुछ लोग हार्ड वर्क ही करते रहते हैं, कुछ लोगों स्मार्टली हार्ड वर्क करते हैं। कौवे की कहानी भी हमें सिखाती है कि स्मार्टली हार्डवर्क कैसे करना है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसे लोग हैं जो बहुत मेहनत करते हैं। कुछ लोगों के लिए कड़ी मेहनत उनके जीवन के शब्दकोश में मौजूद नहीं है। कुछ मुश्किल से स्मार्ट वर्क करते हैं और कुछ स्मार्ट तराके से हार्ड वर्क करते हैं। हमें इन पहलुओं की बारीकियों को सीखना चाहिए और परिणाम के लिए उसी अनुसार काम करना चाहिए।

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