जनसंख्या नियंत्रण आवश्यक : प्रधानाचार्य | विश्व जनसंख्या दिवस
मधेपुरा। पृथ्वी पर संसाधन सीमित हैं। हमारे खाद्यान्न उत्पादन की क्षमता की भी एक सीमा है। ऐसे में बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि विश्व के लिए संकट का कारण है। अतः हमारे लिए जनसंख्या नियंत्रण आवश्यक है।
यह बात प्रधानाचार्य प्रो. (डॉ.) कैलाश प्रसाद यादव ने कही। वे मंगलवार को स्नातकोत्तर मनोविज्ञान विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन सेहत केंद्र के तत्वावधान में किया गया।
प्रधानाचार्य ने कहा कि यदि बेतहाशा जनसंख्या-वृद्धि को नहीं रोका गया, तो आने वाले दिनों में लोगों को भोजन, वस्त्र एवं आवास उपलब्ध कराना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए हमें जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में गंभीरता से प्रयास करना होगा। अब हम सबों को हम दो हमारे दो से आगे बढ़कर हम दो हमारे एक के सिद्धांत का पालन करना होगा।
प्रधानाचार्य ने कहा कि आजादी के समय हमारी जनसंख्या तैंतीस करोड़ थी। लेकिन आज 75 वर्षों में हम एक अरब तैंतीस करोड़ हो गए हैं।
मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने कहा कि युवाओं पर ही समाज एवं राष्ट्र का भविष्य निर्भर करता है। अतः युवाओं को जनसंख्या नियंत्रण की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेने की जरूरत है।
उप कुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि महिला-शिक्षा का जनसंख्या नियंत्रण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए समाज में महिलाओं की शिक्षा का स्तर बढ़ेगा, तो जनसंख्या नियंत्रण आसानी से हो सकेगा।
अतिथि व्याख्याता डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि आज भारत जनसंख्या के मामले में दुनिया में नंबर वन पर आ गया है। यह हमारे लिए चिंता का सबब है।
इस अवसर पर शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, बबलू , पल्लवी, अंशु, नीलम, विक्की विजेता, राखी, सोनाली, रूपम, खुशी, सिंधु प्रिया, गीतांजलि, सोनी, मनीषा, नैना, मनीषा, जुली कुमारी, गुड़िया, आंचल, कुमारी गुप्ता, आशीष कुमार झा, मो. शाहनवाज, अविनाश, मिथिलेश, रणविजय, प्रतिभा, प्रियंका, मुस्कान, सरस्वती कुमारी आदि उपस्थित थे।
World Population Day 2023: वर्ल्ड पॉपुलेशन डे यानी कि विश्व जनसंख्या दिवस दुनियाभर में प्रतिवर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता है। लोगों को पुरे विश्व में बढ़ती जनसंख्या को लेकर जागरूक करने करने के लिए इस दिन को प्रतिवर्ष सेलिब्रेट किया जाता है।