
सिलाई में कुशल महिलाएँ घर में स्वरोजगार कर सकती हैं।सिलाई का हुनर महिलाओं को आसानी से स्वावलंबी बनाता है।इसके माध्यम से महिला सशक्तिकरण को मजबूती मिल रही है।उक्त बातें स्वयंसेवी संस्था डॉ प्रभात दास फाउण्डेशन के सिलाई प्रशिक्षण शिविर की प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र देते हुए समाजिक कार्यकर्ता एवं पीएचडी कर्मी क्षत्री यादव ने कही। बहादुरपुर प्रखंड के रघेपुरा के वार्ड 9 में उन्होंने प्रशिक्षुओं को बताया कि अब महिलाओं के घूँघट में रहने का दौर समाप्त हो चुका है और अब हर क्षेत्र में महिलाएँ पुरुषों को चुनौती दें रही है।कई क्षेत्र तो ऐसे है जहाँ महिलाएँ पुरुषों से अधिक कुशल साबित हो चुकी है ।
उन्होंने बताया कि सिलाई के जरिए महिलाओं को सशक्त बनाने का सफल अभियान फाउण्डेशन चला रही है।इस तरह के प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन हर ग्रामीण क्षेत्र में होना चाहिए ।इस क्षेत्र में फाउण्डेशन के निदेशक डॉ प्रभात रंजन दास विदेश में रहते हुए भी जो कार्य कर रहे है वो अनुकरणीय है।
प्रशिक्षिका इन्दु देवी ने सिलाई कार्य के दौरान बरती जाने वाली जरुरी सावधानियों के बारे में बतलाया कि इस काम में शारिरीक मेहनत के साथ-साथ लेटेस्ट फैशन की जानकारी भी जरूरत है। इस शिविर में कुल 32 प्रकार के डिजाइन को सिखाया गया है।समापन कार्यक्रम का संचालन फाउण्डेशन के अनील सिंह ने किया।मौके पर महरानी कुमारी, कंचन कुमारी, राजनंदनी कुमारी, ममता कुमारी, वर्षा कुमारी, मनीषा देवी,प्रियंका देवी , रधिया देवी ,काजल कुमारी आदि मौजूद थी।
भवदीय
मुकेश कुमार झा (सचिव)
डॉ प्रभात दास फाउण्डेशन