
चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी में बिहार के पूर्व CM और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद को सोमवार को 1:30 बजे सजा सुनाई जाएगी। रांची में CBI के विशेष जज एसके शशि सजा का ऐलान करेंगे। वहीं, केस से जुड़े लोगों को ही कोर्ट में रहने की अनुमति दी गई है।
इधर, सजा के ऐलान के पहले लालू की तबीयत और बिगड़ गई है। उनका ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल बढ़ गया है। सुबह लालू यादव का ब्लड शुगर 160 पहुंच गया जो सामान्य स्थिति में खाली पेट में 110 होना चाहिए। दूसरी ओर उनका ब्लड प्रेशर 150/ 70 हो पहुंच गया है। डॉक्टर ने बताया की सजा की सुनवाई होने से पहले लालू यादव सुबह से ही काफी तनाव में हैं। इस कारण उनका बीपी और ब्लड शुगर अनियंत्रित है। इलाज कर रहे डॉक्टर विद्यापति ने बताया कि सुबह लालू से जब मुलाकात हुई तो वह काफी तनाव में दिखे और तबीयत के बारे में पूछा गया तो काफी मायूस होकर उन्होंने जवाब दिया।
लालू यादव सुबह से ही अपने कमरे से बाहर नहीं निकले
सुबह वह आज टहलने के लिए अपने रूम से बाहर भी नहीं निकले। एक दिन पहले लालू यादव के ब्लड शुगर का लेवल सुबह खाली पेट में 140/80 के आस पास था। जबकि इंसुलिन की मात्रा बढ़ाई जाने के बाद भी सोमवार को उनका ब्लड शुगर बढ़ गया है। डॉक्टर ने बताया कि पहले से ही वह किडनी के क्रॉनिकल डिजीज से ग्रसित है और ब्लड शुगर और बीपी की समस्या पहले से उन्हें हैं और इस तनाव के बाद सभी चीजें अनियंत्रित हो गई है, हालांकि डॉक्टर ने दवा दी है।6 साल से ज्यादा सजा हुई तो 6 महीने जेल में रहना होगा
चारा घोटाले के कुल मामले में लालू यादव 36 महीने 19 दिन जेल में बिता चुके हैं। हाई कोर्ट के वकील के मुताबिक अगर लालू यादव को 6 साल से अधिक की सजा सुनाई जाती है तो कम से कम 6 महीने तक जेल में बिताना होगा। इसके बाद ही वे हाईकोर्ट में जमानत के लिए अपील दायर कर सकते हैं।5 साल से कम हुई तो मिल जाएगी जमानत
सीनियर एडवोकेट देवाशीष मंडल ने दैनिक भास्कर को बताया कि अगर लालू यादव को 5 साल से कम की सजा सुनाई जाती है तो पूर्व में काटी गई सजा के आधार पर लालू यादव को हाईकोर्ट से जमानत मिल सकती है। इस प्रक्रिया को पूरा करने में उन्हें 2-3 सप्ताह तक जेल में रहना होगा।
जानिए, डोरंडा ट्रेजरी घोटाला आखिर है क्या?
डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के इस मामले में पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर पर ढोने की कहानी है। यह उस वक्त का देश का पहला मामला माना गया जब बाइक और स्कूटर पर पशुओं को ढोया गया हो। यह पूरा मामला 1990-92 के बीच का है। CBI ने जांच में पाया कि अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला तैयार किया। 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया, ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें। पशुपालन विभाग ने 1990-92 के दौरान 2,35, 250 रुपए में 50 सांड़, 14, 04,825 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदीं।
चारा घोटाले के 5वें केस में भी लालू दोषी
SOURCE: CHARA GOTALA
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