आयुर्वेदिक चिकित्सालय, दरभंगा एवं राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान

आयुर्वेदिक चिकित्सालय, दरभंगा एवं राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर,दरभंगा को दरभंगा सांसद ने राष्ट्रीय दर्जा की मांग की.

दरभंगा :—लोकसभा में दरभंगा सांसद डॉ गोपाल जी ठाकुर ने नियम 377 के तहत जन स्वास्थ्य से जुड़े अतिमहत्वपूर्ण विषय को संसद के पटल पर रखा।

सांसद डॉ ठाकुर ने सभापति के माध्यम से केंद्रीय आयुष मंत्री से मिथिला के केंद्र दरभंगा में अवस्थित एकलौते एवं देश के प्राचीनतम राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेदिक चिकित्सालय, दरभंगा एवं राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर,दरभंगा को राष्ट्रीय दर्जा देते हुए आखिल भारतीय आयुर्वेदिक/आयुष संस्थान के रूप में विकसित एवं संवर्धन करने का अनुरोध किया।

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सांसद डॉ ठाकुर ने कई एकड़ भूमि में फैले इस ऐतिहासिक संस्थान की स्थापना एवं महत्ता का जिक्र भी संसद में किया।
उन्होंने सदन में कहा कि दरभंगा में 1878 ई० से संचालित इस राज अस्पताल को 10 एकड़ भूमि एवं भवन के साथ राज परिवार द्वारा आयुर्वेद/आयुष चिकित्सा,शिक्षा एवं शोध को ध्यान में रखते हुए इनसबों के विकास तथा संवर्धन को ध्यान में रखते हुए राजकीय कामेश्वर सिंह आयुर्वेदिक चिकित्सालय, कामेश्वर नगर एवं राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर को तकरीबन 20 एकड़ भूमि तथा मकान 1985ई० में दान में दिया गया था।

जिसमे आयुर्वेदिक चिकित्सा,शिक्षा एवं शोध का कार्य किया जाता था अरबों रूपये की संपत्ति के साथ भवन, भूमि बिहार सरकार (आयुष) स्वास्थ्य विभाग को देने के बाद भी भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद द्वारा न्यूनतम मापदंडों को पूरा न करने के कारण वर्ष 2003 में ही उक्त संस्थान के शैक्षणिक,शोध,एवं अंतरंग चिकित्सा का कार्य को बंद कर दिया गया ।

सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि यह संस्थान नेपाल,भुटान,पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश इत्यादि से काफी करीब है और स्थानीय मरीज के अलावा अभी भी इन राज्यों एवं देशों के रोगी यहां आते है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल की अपनी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर काफी गरिमा और प्रतिष्ठा थी। यहां दरभंगा महाराज के काल से ही आयुर्वेद,योग नेचुरोपैथी, ज्योतिष चिकित्सा एवं जड़ी बूटियों इत्यादि का संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य किया जाता था, उक्त संस्थान के पुस्तकालय में 10 हजार से ज्यादा पुस्तकें हैं,जिसमें बहुतेरे दुर्लभ है।

ध्यान रहें की कुछ दिन पूर्व ही दरभंगा सांसद डॉ ठाकुर ने केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनेवाल से उनके कार्यालय में मुलाकात कर इस संस्थान के जीर्णोधार का आग्रह किया था।

सांसद ने कहा कि भारत सरकार आयुर्वेद/आयुष के संवर्धन के लिये देश के विभिन्न राज्यो में कई केन्द्रीय संस्थान संचालित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्व भर में आयुर्वेदिक, योग एवं नेचुरोपैथी उपचार की मांग बढ़ी है। ऐसे में इस संस्थान के पुनः संवर्धन और प्रारंभ हो जाने से बिहार सहित पड़ोसी राज्य के मरीजों को काफी फायदा होगा।

सांसद ने कहा कि आयुर्वेद विश्व की सबसे प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है और आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयुर्वेद को जन जन तक पहुंचाने हेतु पूरे भारतवर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव भी मनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल के कार्यकाल में पूरा विश्व योग और आयुर्वेद की महत्ता से अवगत हुआ है और इसे अपना रहा हैं।सांसद ने कहा कि मोदी जी के कार्यकाल में भारत ने संपूर्ण विश्व को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस देने का कार्य किया है और आने वाले कुछ सालों में भारत आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में संपूर्ण विश्व को राह दिखाने का कार्य करेगा।


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