संदीप दीक्षित ने आलाकमान पर उठाए सवाल, चुनावी हार के बाद अब कांग्रेस में तकरार जारी
संदीप दीक्षित ने आरोप लगाया कि आलाकमान फिलहाल अहंकार से भरा हुआ है। एक के बाद एक कई चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने ही मुख्यमंत्री और नेताओं को परेशान करते रहते हैं।
पांच राज्यों में मिली चुनावी हार के बाद एक बार फिर से कांग्रेस में जबरदस्त तकरार देखने को मिल रही है। कांग्रेस के ही जी-23 के नेता अब आलाकमान के खिलाफ मुखर हो चुके हैं। हाल में ही कांग्रेस में सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई थी जिसमें यह फैसला लिया गया कि फिलहाल सोनिया गांधी ही पार्टी का नेतृत्व करेंगी। इसके बाद से कपिल सिब्बल ने एक बयान देते हुए कहा कि ‘घर की कांग्रेस सबकी कांग्रेस’। अब कपिल सिब्बल के बाद संदीप दीक्षित ने भी आलाकमान पर निशाना साधा। संदीप दीक्षित ने एक निजी चैनल से बातचीत में साफ तौर पर कह दिया कि एक वक्त था, जब इनके नाम पर वोट मिलते थे। आज कांग्रेस पार्टी पूरी तरीके से निष्क्रिय हो चुकी है। पार्टी में कोई फैसला नहीं हो पा रहा है।
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संदीप दीक्षित ने आरोप लगाया कि आलाकमान फिलहाल अहंकार से भरा हुआ है। एक के बाद एक कई चुनाव हारने के बाद भी कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने ही मुख्यमंत्री और नेताओं को परेशान करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अनुकंपा के आधार पर कुर्सी पर बैठे हुए हैं, उन्हें सिर्फ और सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है। इसके साथ ही संदीप ने कहा कि मेरी भी दादी और मां ने पार्टी के लिए काम किया है। सीडब्ल्यूसी पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अब इसमें सब दिखावा होता है, और कुछ भी नहीं होता है।
संगठनात्मक चुनाव होने तक अध्यक्ष बनी रहेंगी सोनिया, जल्द ‘चिंतन शिविर’ में तय होगी आगे की रणनीति
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि ‘हम पार्टी के हित में किसी भी त्याग के लिए तैयार हैं।’ इसके बाद सीडब्ल्यूसी में शामिल नेताओं ने उनके नेतृत्व में भरोसा जताते हुए उनसे आग्रह किया कि संगठनात्मक चुनाव संपन्न होने तक वह पद पर बनी रहें। सीडब्ल्यूसी में शामिल नेताओं ने सोनिया गांधी से यह भी कहा कि वह कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए जरूरी बदलाव करें और सुधारात्मक कदम उठाएं। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में करीब साढ़े चार घंटे तक हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह फैसला भी किया गया कि संसद का बजट सत्र संपन्न होने के तत्काल बाद एक ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया जाएगा जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
SOURCE : prabhasakshi.com
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