हरियाणा के खाप प्रतिनिधि दिल्ली पुलिस की हिरासत में:पूर्व गर्वनर सत्यपाल मलिक के साथ मीटिंग करने गए; 3 घंटे बाद थाने से रिहा किए….
हरियाणा समेत देश के अन्य राज्यों की खापों के प्रतिनिधियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया। दरअसल, ये सभी खापे जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मीटिंग करने पहुंचे थे। जहां पुलिस ने मीटिंग करने की परमिशन न होने की बात कहते हुए उन्हें मीटिंग करने से रोका और हिरासत में ले लिया।
सभी को आर के पुरम थाने में ले जाया गया। जहां 3 घंटे की हिरासत के बाद सभी को रिहा कर दिया गया। मामला सत्यपाल मलिक की टिप्पणी के बाद आए CBI की चिट्ठी से जुड़ा हुआ है। सत्यपाल मलिक का सम्मान करने के लिए हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खाप प्रतिनिधि, आरके पुरम के सेक्टर-12 स्थित सेंट्रल पार्क में एकत्रित हुए थे।
वहां पर जैसे ही सत्यपाल मलिक पहुंचे, दिल्ली पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने से रोक दिया। वहां पर टेंट गिरा दिया गया। खाप प्रतिनिधियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। वह सामान भी इधर-उधर बिखरा पड़ा था। पुलिस ने कहा- पार्क में आयोजन की मंज़ूरी नहीं ली गई थी। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए CRPF की तैनाती की गई।
हरियाणा किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने जारी किया अलर्ट
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने वीडियो जारी कर कहा कि जैसा कि मैंने कल ही आप सभी को आग्रह किया है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जो टिप्पणी की थी, उन्हें BJP की प्रवृत्ति के चलते दंड मिल सकता है। इस के बाद उन्हें CBI की चिट्ठी मिली।
आज दिल्ली के आरके पुरम इलाके में अनेक खापों के साथ उनका लंच का कार्यक्रम था। जहां दिल्ली पुलिस पहुंची और सभी को हिरासत में ले लिया। इसके बाद हरियाणा के किसानों के रोड जाम करने, प्रदर्शन करने समेत अन्य तरह से विरोध जाहिर करने बाबत फोन आ रहे हैं। जिसके लिए मैं सभी साथियों को कहूंगा कि कोई भी इस तरह का कदम न उठाए। मगर सभी अलर्ट मोड़ में रहे। हालात का कुछ नहीं पता है।
साउथ वेस्ट DCP बोले- पुलिस ने नहीं लिया हिरासत में इधर, DCP साउथ-वेस्ट के मुताबिक, सत्यपाल मालिक के बेटा और बेटी आरके पुरम इलाके में रहते हैं। सत्यपाल मालिक भीड़ के साथ एक पार्क मीटिंग कर रहे थे, जिसकी वजह से जब पुलिस ने उनसे पूछा कि सार्वजनिक जगह पर मीटिंग की परमिशन है, तो उन्होंने कहा नहीं है, जिसके बाद सत्यपाल मालिक अपनी कार से थाने आए। पुलिस ने न तो उन्हें बुलाया और न ही हिरासत में लिया है।
सत्यपाल मलिक ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय की चूक के कारण फरवरी 2019 में पुलवामा में जवानों पर घातक हमला हुआ, मुझे (सत्यपाल मलिक) उसके बारे में बोलने से मना किया था। सत्यपाल मलिक ने कहा, सीआरपीएफ ने एयरक्रॉफ्ट की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विमान देने से इनकार कर दिया था। सड़क मार्ग पर प्रभावी ढंग से सुरक्षा इंतजाम नहीं थे।
बतौर सत्यपाल मलिक, वह हमला गृह मंत्रालय की ‘अक्षमता और लापरवाही’ का नतीजा था। उस समय राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे। मलिक ने कहा, उन्होंने इन सभी चूकों को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया। पुलवामा हमले के दौरान प्रधानमंत्री कॉर्बेट पार्क में थे। जब पीएम से बात हुई तो उन्होंने इस बारे में चुप रहने और किसी को न बताने के लिए कहा था।
एनएसए अजीत डोभाल ने भी उन्हें चुप रहने और इस बारे में बात न करने के लिए कहा। मलिक ने कहा, उन्हें फौरन एहसास हुआ कि यहां इरादा पाकिस्तान पर दोष मढ़ना और सरकार और भाजपा के लिए चुनावी फायदा पाना था।