मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा में मध्य प्रदेश के दो दर्जन प्रगतिशील किसानों एवं उद्यमियों के लिए मखाना की वैज्ञानिक खेती…
मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा में मध्य प्रदेश के दो दर्जन प्रगतिशील किसानों एवं उद्यमियों के लिए मखाना की वैज्ञानिक खेती, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत की गयी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के पूर्वी अनुसंधान परिसर पटना से आये प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मो. मोनोब्रुल्लाह ने मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।
केंद्र प्रमुख व् वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ मनोज कुमार ने मिथिला की परंपरा के अनुरूप पाग एवं चादर से मुख्य अतिथि एवं प्रशिक्षुओं का स्वागत किया। डॉ. मोनोब्रुल्लाह ने मखाने के देश व्यापी विस्तार में मखाना अनुसंधान केंद्र की बढती भूमिका की सराहना करते हुए मध्य प्रदेश में इसकी खेती एवं प्रसंस्करण की संभावनों पर विस्तृत जानकारी दी।
डॉ. मनोज कुमार ने मखाना के औषधीय गुणों एवं पौष्टिकता का हवाला देते हुए कहा कि आने वाले समय में इसके संभावित वैकल्पिक उपयोगों पर विशेष जोर होगा जिससे मखाना उत्पादन से मिलने वाले आर्थिक लाभ में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। डॉ. कुमार ने कहा कि केंद्र मुख्यालय पटना के नवनियुक्त निदेशक डॉ अनूप दास के नेतृत्व में मखाना अनुसंधान केंद्र में शोध के लिए जरूरी सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है, जिससे आने वाले समय में मखाना किसानों को और बेहतर सेवा दी जा सकेगी।
प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आई एस सिंह ने कार्यक्रम के प्रायोजक आत्मा बालाघाट को धन्यवाद देते हुए विश्वास जताया कि उक्त प्रशिक्षण से मध्य प्रदेश के किसानों को निश्चित तौर पर अपनी आमदनी बढ़ाने का मौका मिलेगा।
तकनीकी अधिकारी अशोक कुमार द्वारा संचालित कार्यक्रम में धीरज प्रकाश, अलोक कुमार, देव कुमार, मिथिलेश मिश्र व् अन्य उपस्थित रहे।