
दृढ़ इच्छाशक्ति सफलता की महत्वपूर्ण कुंजी : श्री अभयानंद जी पूर्व डीजीपी बिहार
जीएनआईओटी प्रबंधन अध्ययन संस्थान ( जीआईएमएस) ग्रेटर नोएडा में सामरिक टॉक सीरीज का आयोजन किया गया I
आज के इस सामरिक टॉक सीरीज के मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सरकार के पूर्व डीजीपी आईपीएस श्री अभयानंद जी उपस्थित हुए।
संस्था द्वारा आयोजित इस तरह के सामरिक टॉक सीरीज का मुख्य उद्देश्य संस्था में अध्यनरत विद्यार्थियों एवम प्रशासन में कार्यरत रह चुके महान हस्तियों के बीच साक्षात्कार एवं संवाद स्थापित करना और साथ ही साथ उनके कार्य अवधि के दौरान किस तरीके की कठिनाइयों,चुनौतियों एवं परिस्थितियों का सफलतापूर्वक निष्पादन किया गया ,ऐसी परिस्थितियों को समझना है।
इस अवसर पर संस्थान के चेयरमैन डॉ राजेश कुमार गुप्ता जी एवं वाइस चेयरमैन श्री गौरव गुप्ता जी ने आए हुए मुख्य अतिथि जी का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया एवं अपने विचार व्यक्त करते हुए संस्था के चेयरमैन ने डीजीपी महोदय द्वारा किए गए अनेक सामाजिक एवं राष्ट्र हित में कार्यों को विस्तार से साझा किया जो अत्यंत ही प्रेरणादायक थी I संस्थान के सीईओ श्री स्वदेश कुमार सिंह जी ने मुख्य अतिथि जी का अंगवस्त्र प्रदान करते हुए स्वागत एवं अभिनंदन किया एवम साथ ही साथ मुख्य अतिथि को धन्यवाद भी प्रेषित किया कि अपने अति व्यस्ततम दिनचर्या में से संस्थान एवं संस्थान में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए जो उन्होंने अपने बहुमूल्य समय का योगदान दिया है उस की प्रतिपूर्ति किसी भी कार्य के द्वारा नहीं की जा सकती हैI धन्यवाद प्रेषित करते हुए उन्होंने भविष्य में भी छात्रों के मार्गदर्शन हेतु श्री अभयानंद सर से अनुरोध किया कि वह एक समय अंतराल पर संस्थान में उपस्थित होकर अपने आशीर्वचन प्रदान कर, भारत के भविष्य के निर्माण में सहयोग प्रदान करेंI
संस्थान के निदेशक डॉ भूपेंद्र कुमार जी ने अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि द्वारा उनके प्रशासनिक सेवा के दौरान जिन जिन परिस्थितियों को सामंजस्य एक प्रशासनिक अधिकारी को बना के रखना पड़ता है, इस पर अपने विचार रखें और इस बात को प्रबल तरीके से छात्रों के समक्ष स्थापित करने का पूर्ण प्रयास किया कि किसी भी कार्य को अगर सुनियोजित तरीके से क्रियान्वित किया जाए तो वह हमेशा सफलता की ओर अग्रसर होता है I
मुख्य अतिथि श्री अभयानंद जी आईपीएस एवं पूर्व डीजीपी बिहार पुलिस ने अपने विचारों को रखते हुए छात्रों के समक्ष प्रबंधन क्या है और प्रबंधन करना क्यों जरूरी है पर विचार रखते हुए अपने उद्घोषण की शुरुआत की ।
उसके पश्चात चुनौतियों को संभावनाओं में परिवर्तित करने की कला को सर्वप्रथम साझा किया I
अपने विचारों को व्यक्त करते हुए मुख्य अतिथि ने प्रारंभिक जीवन काल से अपने जीवन परिचय एवं शिक्षा के दौरान, तत्पश्चात प्रशासनिक सेवा में अपने द्वारा किए गए अनेकों प्रयासों एवं विभिन्न परिस्थितियों को सकारात्मक तरीके से निष्पादन करने एवम कठिन से कठिन निर्णायक परिस्थितियां एवं व्यक्तित्व को सही तरीके से व्यवस्था पूर्वक स्थापित करने की विस्तार पूर्वक चर्चा की।

उन्होंने बताया कि किस तरीके से सेवा कार्य के दौरान विभिन्न परिस्थितियों एवं ऐसे अनेकों समय जिनमें निर्णय लेना, सहयोग की उपेक्षा रखना एवं नेतृत्व करने की क्षमता को अगर सही तरीके से सृजन किया जाए तो वो जीवन निर्माण में सहायक होगा I उन्होंने छात्रों से सफल व्यक्तित्व के निर्माण हेतु अपना सर्वस्व प्रदान करने के लिए एवं उसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता स्थापित करने के लिए एक दृढ़ इच्छाशक्ति का होना परम आवश्यक है के विचार को विद्यार्थियों के बीच रखा I
इसके साथ ही उन्होंने सुपर 30 संस्था एवं उनके द्वारा किए गए अन्य ऐसे अनेकों सामाजिक स्तर पर कार्यों को जिसका समाज में उपस्थित व्यवस्था स्थापित करने में अपनी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रेरणा को भी छात्रों के समक्ष रखाI
इस अवसर पर संस्थान के डीन एग्जामिनेशन डॉ निशांत कुमार सिंह जी ने स्वागत संबोधन के दौरान सभागार में उपस्थित समस्त अतिथियों का एवं संस्थान से जुड़े हुए विभिन्न पदाधिकारियों का स्वागत कियाI इसके साथ ही जीआईएमएस परिवार द्वारा समय अंतराल पर किए जा रहे विभिन्न शैक्षणिक, एवं सामाजिक कार्यों पर विस्तारपूर्वक चर्चा कीI कार्यक्रम के अंत में हेड सीआरसी मिस्टर डेमियन जी ने धन्यवाद प्रेषित कियाI
आज के इस मंच का शानदार संचालन पीजीडीएम प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों द्वारा किया गया I आज के इस अवसर पर संस्थान के आउटरीच विभाग प्रमुख श्री पंकज कुमार , डीन ओईसी प्रोफेसर मुदित तोमर, रीजनल हेड श्री अमित के अलावा समस्त पदाधिकारी एवं समस्त फैकल्टी एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहे एवं कर्तव्यनिष्ठा एवं कुशल नेतृत्व की भावनाओं से भरे हुए सुविचार सभा के साक्षी बने I आज के इस सफल कार्यक्रम में फैकल्टी डॉक्टर इमाद अली एवं चारुल का महत्वपूर्ण योगदान रहा।