लाइफस्टाइल
Toxic Parenting | बच्चों के भविष्य के लिए ग्रहण बन जाते हैं ऐसे अभिभावक, कहीं आप भी तो ऐसे नहीं.
Toxic Parenting | बच्चों के भविष्य
- बच्चों की परवरिश
बच्चों के पालन-पोषण के विभिन्न तरीके हो सकते हैं, एक अभिभावक होने के नाते आप उनमें से कौनसा तरीका अपनाते हैं यह आपकी अपनी चॉइस और कम्फर्ट होना चाहिए। लेकिन इस बीच हमें यह भी नजरंदाज नहीं करना देना चाहिए कि जिस तरीके या राह पर चलकर आप अपने बच्चे के भविष्य का निर्माण कर रहे हैं, कहीं उसकी वजह से आपके बच्चे का भविष्य अंधकार में तो नहीं जा रहा…. यह बात तो हम सभी मानते है कि एक संतान की परवरिश करना आसान नहीं है, समय-समय पर आपको नजाने कितनी मुश्किलों और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। - टॉक्सिक पेरेंटिंग
परंतु इसमें भी कोई दो राय नहीं कि कभी-कभार इन चुनौतियों और मुश्किलों का कारण हम स्वयं बन जाते हैं। इसलिए आपके जीवन में ऐसा कोई दौरा न ये इसलिए आपको अपने पेरेंटिंग स्टाइल और दृष्टिकोण पर नजर बनाए रखना चाहिए क्योंकि कभी-कभार बच्चे को मजबूत और सफल बनाने के चक्कर में हम पाज़िटिव पेरेंटिंग को टॉक्सिक बना देते हैं। - क्या होती है टॉक्सिक पेरेंटिंग
कुछ परिवारों में अभिभावक अपने बच्चे को कंट्रोल करने की पूरी कोशिश करते हैं, उनकी हर गतिविधि पर नजर रखते हैं। इतना ही नहीं, उनकी भावनात्मक जरूरतों को इग्नोर करते हुए उन्हें डांटने और नजरंदाज करने की आदत डाल लेते हैं। यही से शुरू होती है टॉक्सिक पेरेंटिंग। अभिभावकों के इसी व्यवहार की वजह से बच्चे उनसे मानसिक और भवानात्मक दूरी बनाने लगते हैं और आगे चलकर गलत संगत में भी फंस जाते हैं। पेरेंटिंग का यह गलत स्टाइल आपके परिवार की खुशियां तक चीन लेता है। - टॉक्सिक पेरेंट्स की पहचान
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार कुछ ऐसे लक्षण हैं जो टॉक्सिक पेरेंट्स की - केवल खुद पर ध्यान देना
टॉक्सिक पेरेंट्स अपने बच्चों की अपक्षाओं से ज्यादा स्वयं पर ध्यान देने की आदत रखते हैं, अपने बच्चे की जरूरत को लेकर अधिकांशतः वह लापरवाह ही होते हैं। इसकी वजह से बच्चा उनके साथ भावनात्मक तौर पर कोई जुड़ाव नहीं रखा पाता और उसे यह नॉर्मल लगता है। आगे चलकर वह भी अपने रिश्तों के साथ ऐसा ही व्यवहार करता है। - बच्चों पर कंट्रोल रखना
एक समय बाद बच्चे जब समझदार हो जाते हैं तब उनका अपना नजरिया, अपना अलग दृष्टिकोण विकसित होता है। जो अभिभावक उनके इस व्यक्तित्व और मानसिक विकास को नहीं समझते, हर समय उनपर अपना नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश करते हैं उन्हें टॉक्सिक पेरेंट्स की श्रेणी में शामिल किया जा सकता है। बच्चों की निजी चैट्स पढ़ना, उनके मेल चेक करना, यह एक बहुत गलत आदत है। - अव्यवहारिक मांग रखना
बहुत से पेरेंट्स बच्चों के शेड्यूल को महत्व नहीं देते, अपनी डिमांड को पूरा करने के लिए वे उनकी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। अपने बच्चे की अटेन्शन पाने के लिए वे उसे डांटने की आदत रखते हैं जो बच्चे और अभिभावक के आपसी रिश्तों के लिए सही नहीं है। - माता-पिता का आपस में बहस करना
पेरेंट्स को कभी अपने बच्चों के सामने गंभीर मुद्दों पर बहस नहीं करनी चाहिए। एक-दूसरे पर चिल्लाना, असम्मानजनक लहजे में बात करना, यह सभी टॉक्सिक पेरेंट्स के लक्षण है। माता-पिता को हमेशा अपने बच्चों के सामने हल्के और प्रेमपूर्वक मूड में रहना चाहिए।
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