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बिहार

अनुपम के विचारों को लेकर कोसी क्षेत्र में भारी उत्साह: प्रशांत कमल

अनुपम के विचारों को लेकर कोसी क्षेत्र में भारी उत्साह: प्रशांत कमल

लंबे समय से देश प्रदेश में एक सशक्त पहचान बनाने वाले राष्ट्रीय युवा नेता अनुपम के विचारों को लेकर बिहार के कोसी क्षेत्र में भारी उत्साह देखा जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से पंचायत स्तर पर हो रही बैठकों में सैकड़ों लोग अनुपम को सुनने आ रहे हैं। इन बैठकों में स्थानीय समस्याओं और उनके स्थायी समाधान पर चर्चा होती है। किसी भी राजनीतिक पार्टी का विरोध या समर्थन नहीं होता। सिर्फ समाज की बात होती है और कोसी के पंच-अभिशाप को मिटाने की योजना बनती है।

उक्त बातें ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय महासचिव प्रशांत कमल ने कहा जो आंदोलन के बिहार प्रभारी भी हैं। प्रशांत ने बताया कि बिहार का कोसी क्षेत्र आज पंच-अभिशाप से ग्रसित है। ये पाँच अभिशाप हैं बढ़ता नशा, भीषण बेरोज़गारी, बद्तर शिक्षा स्वास्थ्य, भूमि विवाद और बाढ़। इन समस्यायों का निदान किए बिना हमारे बच्चों का भविष्य और समाज को सुधारा नहीं जा सकता।

प्रशांत कमल ने आगे कहा कि वैसे तो अनुपम बीते चार पांच वर्षो से राष्ट्रीय राजनीति में खासकर युवाओं के मुद्दे पर खासा असर रखते हैं। लेकिन कोसी क्षेत्र से उनका अत्यधिक लगाव रहा है। पटना दिल्ली के सभाओं में भी कोसी के पलायन की पीड़ा को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने बार बार जोर देकर कहा है कि प्रदेश और देश का विकास बिना कोसी के विकास के संभव नहीं है। जनसमस्याओं की गहरी समझ और उसके स्थाई समाधान को लेकर प्रतिबद्धता के कारण जो प्यार और भरोसा उन्हें समाज से मिल रहा है वह काफी सराहनीय है। हर दिन दो-तीन से अधिक बैठकें हो रहीं हैं। सबमें उनको सुनने लोग सैकड़ों की संख्या में आ रहे हैं। एक तरह से पूरे समाज में एक सकारात्मक बदलाव को लेकर एक अंडर करेंट चल रहा है। यह कोसी के लिए ही नहीं पूरे प्रदेश के लिए सुखद संकेत है।

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राजनीतिक नेतृत्व पर प्रहार करते हुए प्रशांत कमल ने कहा कि आज तक बिहार को खासकर कोसी को सिर्फ छला ही गया है। यहां के नेताओं के द्वारा बस दो हो चीज मिला है वादा और धोखा। नेताओं ने कभी जात के नाम पर कभी धर्म के नाम पर कभी पार्टी के नाम पर कभी क्षेत्र के नाम पर बस जनता को आपस में लड़ाया है। सबको किसी न किसी लड़ाई में उलझा कर बस अपनी कुर्सी कायम रखने का काम किया है जबकि जनता को घोर अभाव झेलना पड़ता है। यहां के युवाओं को बाहर जाकर काम ढूंढना और अपमानित होना पड़ता है। कोसी के युवाओं में देश के किसी भी अन्य जगहों के युवाओं से कम मेधावी या कम मेहनती नहीं हैं। फिर भी ये अपमानित होने को अभिशप्त क्यों हैं? आखिर क्यों किसी रहनुमा ने आजतक इनके मान सम्मान की चिंता नहीं की?
क्या कोसी में अच्छे स्कूल नहीं खोले जा सकते? क्या यहाँ ऐसे अस्पताल नहीं बनाए जा सकते जिसमें डॉक्टर और नर्स भी हों? क्या यहां कुटीर उद्योग नहीं खोले जा सकते? क्या यहाँ मत्स्य उद्योग को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता? क्या यहाँ स्थानीय कृषि उत्पाद के प्रोसेसिंग की व्यवस्था नहीं की जा सकती? क्या डेयरी उद्योग नहीं बनाया जा सकता है? क्या चमरा उद्योग नहीं बनाया जा सकता है? ये सब हो सकता है। इतनी असीम संभावनाओं के बावजूद अभाव और अपमान का जीवन जीने को हम क्यों मजबूर हैं?

अब वक्त आ गया है कि अशिक्षा, अभाव और अपमान के इस चक्र को खत्म किया जाए। इस मायने में हमारा सौभाग्य है कि देश प्रदेश में अन्याय के खिलाफ लड़ने वाला योद्धा अनुपम कोसी के मिट्टी के ही हैं। वो इस लड़ाई में हमारी अगुवाई करने के लिए अपना समय और ऊर्जा ही नहीं अपना जीवन लगाने को तत्पर हैं। अब वक्त आ गया है कि हम पूरी ताकत और एकजुटता से पंच-अभिशाप का रूप ले चुके इन समस्याओं के खिलाफ संग्राम में तन मन धन से जुट जाएं।

प्रशांत कमल ने कहा कि अनुपम की बैठकों में बहुत अच्छे सुझाव आ रहे हैं जिसके आधार पर आगे की योजना बनाई जा रही है। जल्द ही इस संघर्ष को लेकर हम ठोस योजना की घोषणा करेंगे।

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