‘जज की सीट पर बैठी ट्रांसजेंडर शिक्षिका’, आकर्षण का केंद्र रही लोक अदालत की नई पहल
कोलकाता। बंगाल के हुगली जिले शनिवार को लगी लोक अदालत की नई पहल आकर्षण का केंद्र रही। लोक अदालत की पीठ में एक जज और एक सहायक सदस्य रहते हैं। इस बार ट्रांसजेंडर शिक्षिका को भी सहायक सदस्य के तौर पर पीठासीन होने का अवसर दिया गया। यानी उन्होंने जज के साथ पीठ में शामिल होकर केसों का निपटारा किया।
शिक्षिका अत्रि को लोक अदालत के न्यायाधीश के रूप में सम्मानित
हुगली जिले के त्रिवेणी निवासी अत्रि कर हुगली के कुंतीघाट स्थित रामनगर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। उन्होंने बच्चों को पढ़ाने के अलावा थर्ड जेंडर के अधिकारों के लिए भी लड़ाई लड़ी। उस संघर्ष और सामाजिक कार्यों की मान्यता के रूप में अत्रि को लोक अदालत के न्यायाधीश के रूप में सम्मानित किया गया।
शनिवार को हुगली जिले के चुंचुरा स्थित हुगली जिला अदालत में लोक अदालत चल रही थी। पांच खंडपीठों ने आपराधिक, चेक बाउंस, कार दुर्घटना, श्रम विवाद, बिजली बिल बकाया, वैवाहिक मामले सहित 5,333 मामलों का निस्तारण किया। जज थे हाईकोर्ट के जज, वकील और अत्रि जैसे समाजसेवी।
मैं केवल ‘जज’ करूंगी
अत्रि ने कहा कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी थर्ड जेंडर के लोगों को आगे लाने की कोशिश नहीं की गई है। उस बिंदु से ‘राज्य एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण’ जो कर रहा है वह निश्चय ही सराहनीय है। मैं आमतौर पर समाज सेवा करती हूं लेकिन मैंने इस तरह का काम पहले कभी नहीं किया। हम अपनी पूरी जिंदगी जज करते हैं और लोग हम लोगों के बारे में शायद अधिक ‘जजमेंटल’ हैं। आज ‘मेंटल’ को छोड़कर मैं केवल ‘जज’ करूंगी।
लोगों को ख़ुशी अदालत में पुराना मामला निपट गया
पंडुआ के डबरा गांव के शेख बरकतुल्लाह ने खेती के लिए बैंक से एक लाख रुपये का कर्ज लिया था। फसल खराब होने के कारण वह कर्ज नहीं चुका सका। उन्होंने जनता की अदालत का दरवाजा खटखटाया। इस दिन वह मामला भी निपट गया। वादी और प्रतिवादी दोनों इस बात से खुश हैं कि लोगों की अदालत में पुराना मामला निपट गया।
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