CALL NOW 9999807927 & 7737437982
अंतराष्ट्रीय

यूक्रेन पर हमला: यूएन में भारत ने यूक्रेन और रूस दोनों से बनाई दूरी, जानिए सात कारण

यूक्रेन पर हमले के बाद रूस की निंदा करते हुए अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तीन प्रस्ताव आए. तीनों में भारत ने ग़ैर हाज़िर रहना ही वाजिब समझा. साथ ही हर बार अपने बयान में शब्दों के चयन पर ज़ोर देते हुए बातचीत से हल निकालने का रास्ता सुझाया.

पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से दो बार बात की है तो दूसरी तरफ़ क्वॉड की बैठक में गुरुवार को हिस्सा भी लिया. नरेंद्र मोदी ने ये बात फिर दोहराई कि सभी संबंधित पक्षों को बातचीत और कूटनीति का रास्ता अख़्तियार करना चाहिए.

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भारत के रुख़ को लेकर कई पूर्व राजनयिक और कूटनीति के विश्लेषकों की राय बंटी हुई है.

कुछ जानकार भारत की ग़ैरहाजिरी को रूस की तरफ़ मूक समर्थन मान रहे हैं, कुछ इसे भारत की विदेश नीति का हिस्सा बता रहे हैं. तो कुछ कह रहे हैं कि सही समय है जब भारत को किसी एक पक्ष को चुनने की ज़रूरत है.

ADVERTISEMENT RATES
BULAND DUNIYA ADVERTISMENT RATES

रूस और यूक्रेन में कौन कसूरवार नहीं है?

पूर्व राजनयिक राकेश सूद कहते हैं कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए इतिहास समझना ज़रूरी है. भारत ने फ़ैसला इतिहास को देख कर ही लिया है.

वो कहते हैं, “यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिम देशों के नेता कह रहे हैं कि यूक्रेन का नेटो में शामिल होना उनके एजेंडे में नहीं है. तो 2008 में यूक्रेन को नेटो में शामिल करने की घोषणा क्यों की थी? फ़रवरी तक तो ये नेता ‘नेटो की ओपन डोर पॉलिसी’ की बात कह रहे थे. ऐसी सूरत में भारत किसी एक पक्ष के साथ खड़ा दिखे तो हासिल कुछ नहीं होगा.”

Top International News Today | International News in Hindi | Best Global News |यूक्रेन पर हमला

तो क्या वोटिंग में ग़ैरहाज़िरी से भारत दोनों तरफ़ की दोस्ती हासिल करना चाहता है?

इसके जवाब में राकेश सूद सवाल पूछते हैं. “भारत आख़िर किसके साथ खड़ा हो सकता है? दोनों पक्षों में से कौन बेक़सूर है? आज की तारीख़ में रूस ने हमला किया तो वो कसूरवार है. रूस ने क्यों हमला किया इसके इतिहास को देखें तो दूसरा पक्ष कसूरवार है. यही वजह है कि रूस और यूक्रेन की लड़ाई भले ही सतही तौर पर दो देशों के बीच की लग रही होhttps://bulandduniya.com/ignou-ke-12-pariksha/, लेकिन असल में ये बड़े देशों के बीच की लड़ाई है – रूस और अमेरिका, रूस और नेटो देशों की, जिसकी वजह से बड़े देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं. ये दोनों पक्षों के मिस-मैनेजमेंट का नतीजा है जिसका इतिहास पुराना है. इस वजह से भारत किसी के साथ खड़ा नहीं हो सकता.”

source:bbc.com


For More Updates Visit Our Facebook Page

Also Visit Our Telegram Channel | Follow us on Instagram | Also Visit Our YouTube Channel

Top International News Today | International News in Hindi | Best Global News |यूक्रेन पर हमला

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button