विश्व कैंसर दिवस : “कैंसर : समस्या और निदान” विषयक जनजागरूकता वेबीनार में 50 से अधिक व्यक्तियों की हुई सहभागिता
विश्व कैंसर दिवस : कार्यक्रम में डा फुलो, डा शाही,डा चौरसिया, डा शैलेन्द्र, डा कामिनी व मुकेश झा आदि ने रखे महत्वपूर्ण विचार
लगातार सामूहिक प्रयास एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाकर कैंसर पर काबू पाना संभव- डा फुलो
हृदय रोग के बाद कैंसर दूसरी सबसे बड़ी बीमारी, प्रारंभिक कैंसर की रोकथाम संभव- डा बीबी शाही
कैंसर एक जानलेवा एवं साइलेंट किलर बीमारी, पर लाइलाज नहीं- डा चौरसिया
दरभंगा।
सीएम कॉलेज, दरभंगा के एनसीसी तथा डा प्रभात दास फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में ‘विश्व कैंसर दिवस’ के अवसर पर “कैंसर : समस्या एवं समाधान” विषयक जन जागरूकता वेबीनार का आयोजन सीएम कॉलेज परिसर में किया गया, जिसमें प्रधानाचार्य डा फूलो पासवान, स्वामी विवेकानंद कैंसर अस्पताल से संबद्ध डॉ बीबी शाही, पूर्व एनएसएस पदाधिकारी डा आरएन चौरसिया, एनसीसी पदाधिकारी डा शैलेन्द्र श्रीवास्तव, फाउंडेशन के सचिव मुकेश कुमार झा, डा प्रेम कुमारी, डा चंदा कुमारी, डा कामिनी कुमारी, डा शशिकला यादव, डा अनीता गुप्ता, डा शिशिर कुमार झा, जूही झा, राजकुमार गणेशन, अनिल कुमार सिंह, आशीष रंजन, अंकिता, रत्ना, रवीन्द्र यादव, शहनाज खातून, पूनम, मो नदीम खान, ललित ठाकुर, कामिनी चौधरी, दिनेश कुमार, प्रो हरे कृष्ण मिश्र व अमरजीत कुमार सहित 50 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया।
अध्यक्षीय संबोधन में डॉ फूलो पासवान ने कहा कि स्वस्थ, शिक्षित व सेवाभावी युवाओं से ही खुशहाल समाज एवं विकसित राष्ट्र का निर्माण संभव है। समाज में बड़ी संख्या में लोग तंबाकू के विभिन्न उत्पादों का सेवन करते हैं, जिससे करोड़ों लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि तंबाकू के सेवन से शरीर के प्रत्येक अंग पर बुरा असर पड़ता है। लगातार सामूहिक प्रयास एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाकर कैंसर पर काबू पाना संभव है।
मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध चिकित्सक डा बीबी शाही ने कहा कि हृदय रोग के बाद कैंसर दूसरी सबसे बड़ी बीमारी है। यदि प्रारंभिक अवस्था में ही कैंसर का पता चल जाए तो उसकी रोकथाम संभव है। उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष 5 से 6 लाख लोग कैंसर से मर जाते हैं, जबकि 7 से 8 लाख नये लोग कैंसर ग्रसित होते हैं।
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इसका बचाव आसान है, परंतु पूर्ण इलाज अत्यंत ही मुश्किल है। तंबाकू एवं उसके उत्पादों का पूर्णतया त्याग कर हम 60% तक कैंसर की रोकथाम कर सकते हैं। मिथिला क्षेत्र में पूरे दुनिया के माउथ कैंसर पीड़ितों की संख्या सर्वाधिक है। धूम्र रहित एवं धूम्र सहित तंबाकू सेवन से कैंसर रोग का खतरा सर्वाधिक बढ़ता है। धूम्रपान से शारीरिक, मानसिक, सामाजिक तथा आर्थिक नुकसान होता है।
विषय प्रवेश कराते हुए महाविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आरएन चौरसिया ने कहा कि कैंसर एक जानलेवा एवं साइलेंट किलर बीमारी है, पर यह लाइलाज नहीं है। प्रारंभिक समय में पहचान कर इसका उपचार करने से रोगी की जान बच सकती है।
उन्होंने लोगों से तंबाकू सहित हर तरह के नशा सेवन छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि कानूनी रूप से भी हर सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान पूरी तरह वर्जित होना चाहिए। लोग जागरूक होंगे, तभी स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है।
डा कामिनी कुमारी ने महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि जानकारी के अभाव में महिलाएं अधिक कैंसर पीड़ित हो रही हैं। प्रतिभागियों की ओर से पूछे गए अनेकानेक प्रश्नों का समुचित उत्तर डा बीबी शाही ने दिया।
एनसीसी पदाधिकारी डा शैलेन्द्र श्रीवास्तव के सफल संचालन में आयोजित वेबीनार में आगत अतिथियों का स्वागत फाउंडेशन के सचिव मुकेश कुमार झा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन फाउंडेशन के सक्रिय कार्यकर्ता राजकुमार गणेशन ने किया।
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