योगाचार्य राम विनोद ठाकुर एवं रौशन उपाध्याय ने संयुक्त रूप से योगनिद्रा कराते हुए कहा कि योग अभ्यास शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है.
दरभंगा पर्यवेक्षण गृह एवं बाल गृह में आवासित किशोरों को योगाचार्य राम विनोद ठाकुर एवं रौशन उपाध्याय ने संयुक्त रूप से योगनिद्रा कराते हुए कहा कि योग अभ्यास शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।
योग निद्रा इस ऊर्जा को संरक्षित व समेकित करता है। यह एक चमत्कारिक औषधि है। किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट श्री नरेश महतो ने किशोर को संबोधित करते हुए कहा कि योग शारीरिक मानसिक व भावनात्मक रूप से स्थिरता लाने का सशक्त माध्यम है।
इससे मन,बोर्ड चंचल व निर्मल रहता है।बोर्ड की सदस्या व मनोवैज्ञानिक कुमारी गुंजन ने योग निद्रा के दौरान बताई की योगनिद्रा आध्यात्मिक नींद है।
यह वह नींद है, जिसमें जागते हुए सोना है और सोते हुए जागने की स्थिति को योग निद्रा कहते है।यह झपकी जैसा है,या कहे की अर्धचेतन जैसा है, देवता इसी में सोते है।
यह मनुष्य के मन चित्त एवम बुद्धि को स्थिर करते हुए तनाव से मुक्त करता है। बोर्ड के सदस्य अजीत कुमार मिश्र ने बच्चो को संबोधित करते हुए कहा की योगनिद्रा किशोर के अंदर व्याप्त बुरे आदतों से मुक्ति का सशक्त माध्यम है।
किशोरावस्था में कुसंगति के वजह से आए गड़बड़ी को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा के माध्यम से एक सही व सशक्त मानव बन सकते है । श्री मिश्र ने किशारों को प्रतिदिन योग करने व नशा से दूर रहने का भी सलाह दिए।
इस अवसर पर अधीक्षक शशिकांत सिंह,बाल गृह की अधीक्षक दीपक सिंह परामर्शी राम शंकर झा गृह पिता शोभा नंद भी मौजूद रहे।