CAA: देश में सीएए लागू, केंद्र ने जारी की अधिसूचना, तीन मुल्कों के छह प्रवासी समुदायों को मिलेगी नागरिकता
CAA: देश में सीएए लागू, केंद्र ने जारी की अधिसूचना, तीन मुल्कों के छह प्रवासी समुदायों को मिलेगी नागरिकता.
सीएए कार्यान्वयन के लिए गिनती शुरू: नागरिकता संशोधन अधिनियम 2024 के कार्यान्वयन की तैयारी जारी.
नई दिल्ली: भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन की तैयारी शुरू हो गई है। 2024 की इस महत्वपूर्ण घड़ी में, केंद्र सरकार ने सीएए के प्रावधानों के लागू होने का निर्णय लिया है। इससे तीन मुल्कों के छह प्रवासी समुदायों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग मिलेगा।
इस निर्णय के बाद, नागरिकता संशोधन अधिनियम के प्रावधानों के आधार पर उन लोगों को नागरिकता प्राप्ति के लिए आवेदन करने का अधिकार होगा, जो भारत में वास कर रहे हैं और उन्हें नागरिकता की आवश्यकता है।
इस घोषणा के प्रकार से, देश में एक बार फिर से नागरिकता के अधिकारों की विस्तार की प्रक्रिया में गति आएगी। इससे संविदानिक व्यवस्था की मजबूती और सामाजिक समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।
आगामी दिनों में सीएए के कार्यान्वयन के संबंध में और अधिक अपडेट्स की जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।
देश में ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ (सीएए) के नियम लागू हो गए हैं। केंद्र सरकार ने सोमवार शाम को नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इसके लिए पोर्टल भी तैयार कर लिया गया है, जिसके जरिए गैर मुस्लिम प्रवासी समुदाय के लोग नागरिकता पाने के लिए आवेदन कर सकेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है।
कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के नियमों को तैयार करने के लिए लोकसभा में अधीनस्थ कानून पर संसदीय समिति की तरफ से एक और विस्तार मिला था। पहले के सेवा विस्तार की अवधि नौ जनवरी को खत्म हो गई थी। सीएए के नियम तैयार करने के लिए गृह मंत्रालय को सातवीं बार विस्तार प्रदान किया गया था। इससे पहले राज्यसभा से भी गृह मंत्रालय को उक्त विषय पर नियम बनाने व लागू कराने के लिए 6 महीने का विस्तार मिला था।
सीएए नियमों के तहत ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन मांगे जाएंगे। इस प्रक्रिया का काम पूरा हो चुका है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों के तहत भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश, जिनमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान शामिल हैं, से आए गैर मुस्लिम प्रवासी लोगों के लिए भारत की नागरिकता लेने के नियम आसान हो जाएंगे। इन छह समुदायों में हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी, शामिल हैं। नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था। एक दिन बाद ही इस विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी। सीएए के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी।